Vastu Tips Home : यदि आप पैसे कमाने के बहुत जतन कर रहे हैं और पैसा आ भी रहा है फिर भी घर में धन-दौलत की कमी है तो इसके पीछे कोई वास्तु दोष हो सकता है। कई बार व्यक्ति काफी मेहनत करता है पर वह लक्ष्य को पा नहीं पाता। बल्कि ऐसे व्यक्ति के घर में लक्ष्मी भी नहीं रूकतीं। पैसा घर में आता है, लेकिन जाने के रास्ते तैयार हो जाते हैं। इसके पीछे की वजह घर का वास्तु हो सकता है, जिसे आसान उपायों से ठीक किया जा सकता है। घर में रखी कुछ चीजों की वजह से भी यह वास्तु दोष हो सकता है आइये जानते हैं कि किन वस्तुओं की वजह से आपके घर में वास्तु दोष हो सकता है और इन्हें घर से बाहर निकाल दें...
घर में न रखें ये चार चीजें
ताजमहल
ताजमहल को लोग प्यार की निशानी कहते हैं। लेकिन वास्तु शास्त्र में ताजमहल की प्रतिकृति घर में रखना ठीक नहीं माना जाता, क्योंकि यह मुमताज महल का मकबरा है और किसी मकबरे की अनुकृति को घर में रखने से नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश करती हैं और इसका घर के लोगों पर बुरा असर पड़ता है।
महाभारत या उसकी तस्वीर
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर मे महाभारत या इसकी कोई तस्वीर घर में नहीं रखनी चाहिए। इसकी वजह से घर में लड़ाई-झगड़े और कलह का माहौल बनता है। और जिस जगह कलह रहता है वहां लक्ष्मी जी वास नहीं रहती। गोस्वामी तुलसीदास ने तो एक दोहे में लिखा है जहां सुमति तहां संपत्ति नाना और जहां कुमति तहां विपत्ति निदाना। ध्यान रखें कि ड्राइंग रूम या बेडरूम में तो भूलकर भी महाभारत या महाभारत की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।
मुरझाये फूल
अक्सर लोग पॉट में फूल लगाते हैं लेकिन उनके मुरझाने के बाद फेंकना भूल जाते हैं। लेकिन वास्तु शास्त्र में घर में मुरझाए फूलों को नकारात्मकता और अस्वच्छता की निशानी माना जाता है। इसलिए अगर आपको भी तोहफे में मिले गुलदस्ते को संभालकर रखने का शौक है तो ध्यान रखें कि फूल मुरझाने के बाद उन्हें घर से बाहर कर दें। साथ ही मंदिर में चढ़ाए फूल सूख गए हैं तो उसे नदी तालाब और बहते जल में फेंक दें। क्योंकि मां लक्ष्मी को ताजे फूल पसंद हैं और इन्हीं से ये आकर्षित होती हैं।
टूटी मूर्तियां
वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति को घर में टूटी मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार इससे घर में नकारात्मकता का प्रभाव बढ़ता है और अशुभता आती है। इसलिए अगर आपके घर में भी कोई टूटी हुई मूर्ति है तो देवी देवताओं का कैलेंडर फट गया है तो उसे बाहर निकाल दें और संभव है तो नदी में प्रवाहित कर दें।