Despite all efforts, not even one percent online presence of teachers : शुक्रवार को राज्यभर में एक प्रतिशत भी शिक्षकों ने डिजिटल उपस्थिति दर्ज नहीं करायी। कई जिले ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक ने डिजिटल अटेंडेंस नहीं लगाई है। डिजिटल अटेंडेंस के विरोध में कई जिलों में शिक्षकों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। शिक्षकों के इस रवैये और तकनीकी समस्याओं को देखते हुए विभाग ने भी थोड़ी नरमी बरतनी शुरू कर दी है। बेसिक शिक्षकों को 8 जुलाई से डिजिटल अटेंडेंस के निर्देश दिए गए थे। उसी दिन से शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। कुछ जिलों में अधिकारियों ने सख्ती भी की, लेकिन शिक्षक आने को तैयार नहीं हैं।
शिक्षकों ने उपस्थिति दर्ज़ कराई
डीजीएसई के निर्देश पर शुक्रवार को सभी जिलों में अधिकारियों की टीमों ने निरीक्षण भी किया। उपस्थिति के लिए शिक्षकों को समझाया गया। इसके बावजूद शुक्रवार को अधिकांश जिलों में शिक्षकों ने उपस्थिति दर्ज नहीं करायी। शुक्रवार को पूरे राज्य में 0.62 % शिक्षकों ने सुबह की उपस्थिति दर्ज करायी। 0.33% शिक्षकों ने दिन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। गाजियाबाद, बस्ती और शाहजहाँपुर में एक भी शिक्षक ने शाम की उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। कॉलोनी में किसी शिक्षक ने सुबह की हाजिरी भी नहीं लगाई। राज्य में 28 जिले ऐसे हैं जहां 10 से कम शिक्षकों ने डिजिटल उपस्थिति दर्ज करायी। बाराबंकी समेत कई जिलों में शिक्षकों ने प्रदर्शन भी किया।
यहां दिया गया सामूहिक इस्तीफा
कई जिलों में शिक्षकों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को एटा, मैनपुरी और बरेली समेत कई जिलों में समूह शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया। हालाँकि, कुछ जगहों पर शिक्षकों ने अपने त्यागपत्र में डिजिटल अटेंडेंस का विरोध जताया है। कुछ जगहों पर उन्होंने लिखा है कि उन्हें दो साल के लिए यह जिम्मेदारी दी गई थी। अब दो साल पूरे हो गए हैं, इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं। कई जगहों पर ऐप में यह समस्या आ रही है कि यह सुबह 8:30 बजे के बाद नहीं खुलता है। कई तरह की तकनीकी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते डीजी ने आदेश दिया है कि तकनीकी समस्याओं की शिकायत दीक्षा पोर्टल पर की जाए।