दीवाली से पहले शहर की सड़कें चकाचौंधी होंगी। लंबे समय से बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटें दीवाली से पहले ठीक करने की तैयारी है। शहर के विभिन्न इलाकों में करीब 8000 लाइटें बंद पड़ी हैं। जिसमें से कुछ लाइटों को रिपेयर करके ठीक किया जा रहा है, जबकि 6000 से ज्यादा एलईडी स्ट्रीट लाइटें खरीदी जा रही हैं।
नगर निगम की तरफ से इन लाइटों को खरीदने को लगाया गया टेंडर सोमवार को खोल दिया गया है। जिसमें दो कंपनियों को शॉर्ट लिस्ट किया गया है। बता दें कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर की सभी 78 हजार स्ट्रीट लाइटों को एलईडी लाइटों में बदला गया था। लेकिन इनकी मैनटेनैंस के लेकर काफी विवाद रहा। बहुत इलाकों में लाइटें बंद होने के बाद रिपेयर ही नहीं की गई हैं।
दो कंपनियां हुई शॉर्ट लिस्ट
निगम की तरफ से टेंडर खोलने पर पाया कि दो कंपनियां शॉर्ट लिस्टेड हैं, जो इन मानकों पर खरा उतर रही हैं। अब इनके दस्तावेजों की जांच करने के बाद पाया जाएगा कि इनमें से कौन सी कंपनी को काम सौंपा जाएगा। पहले यह काम स्मार्ट सिटी के पास था, लेकिन अब उन्हें यह काम नहीं सौंपा गया है और निजी कंपनियों को मौका दिया गया है।
विजिलेंस जांच में फंसी पुरानी कंपनी
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में 78000 के करीब स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई थीं। प्रोजेक्ट में धांधली के आरोप लगे और लाइटें भी बंद रहीं। इसकी जांच विजिलेंस के पास गई और अब जांच चल रही है। इसी कारण निगम अधिकारियों ने पुरानी कंपनी को स्ट्रीट लाइट्स का काम देने में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं दिखाई। अफसर इस बात से कतराते रहे कि कहीं कोई समस्या न खड़ी हो जाए।
कागजात चैक होने के बाद सौंपेंगे काम- कमिश्नर
निगम कमिश्नर ऋषि पाल ने बताया कि जिन दो कंपनियों ने टेंडर भरे हैं उनके कागजात चैक किए जा रहे हैं। वेरिफिकेशन पूरी होने के बाद जो कंपनी मानकों पर सही उतरेगी उसे ही काम सौंपा जाएगा। शहर में इस समय जहां स्ट्रीट लाइट्स खराब पड़ी हुई है, फिलहाल उसे रिपेयर करवा कर चालू करवाया जाएगा। उसके बाद नई लाइट्स लगाई जाएंगी।