ख़बरिस्तान नेटवर्क, लुधियाना : कमेटी सदस्यों की ओर से कहा गया कि विधायक गुरप्रीत सिंह गोगी के मुताबिक, व्यापारियों से की गई मीटिंग गोपनीय नहीं थी। विधायक गुरप्रीत गोगी ने बार-बार लोगों के चुने नुमाइंदे का अपमान करने की बात कही इसी के साथ उन्होंने कहा कि अगर IAS अधिकारी को स्थानीय विधायक के नाराज होने के बारे में पता लग गया था तो ऐसे में उन्हें मीटिंग में बुला लिया जाना चाहिए था।
कमेटी ने IAS अधिकारी से पूछा गया कि उन्होंने व्यापारियों की मीटिंग में विधायक गोगी को सम्मान देने के बजाय किन कारणों से बाहर निकाला। इस मामले को शांत करने के लिए अधिकारी के पास 2 महीने का वक्त था, बावजूद इसके विधायक से संपर्क नहीं साधा गया।
IAS ने कहा- विधायक को मीटिंग से बाहर नहीं निकाला
जानकारी के मुताबिक IAS दलीप कुमार ने अपना जवाब देते हुए माना कि व्यापारी एसोसिएशन की मीटिंग शुरू होने पर उनके द्वारा लिस्ट में विधायक का नाम नहीं होने के बारे में कहा गया था, लेकिन उन्होंने विधायक को मीटिंग से बाहर नहीं निकाला था। अधिकारी ने कहा कि उन्हें पंजाबी भाषा का अधिक ज्ञान नहीं है। यह वजह हो सकती है उन्होंने अंग्रेजी-हिन्दी में जो कहा, उसे विधायक गोगी अपने खिलाफ समझ कर गुस्सा हो गए हों।
शेषाधिकारी कमेटी ने दी हिदायत
सूत्रों के अनुसार विधानसभा विशेषाधिकार कमेटी द्वारा IAS अधिकारी दलीप कुमार का पक्ष जानने के बाद उन्हें मामला शांत करने के लिए विधायक गुरप्रीत गोगी से संपर्क करके मनमुटाव दूर करने की हिदायत दी गई। चेताया गया कि यदि उन्होंने विधायक से संपर्क करके गलती का अहसास नहीं किया तो अगले सप्ताह 2 गवाहों को बयान दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
IAS अधिकारी को पेशी से पहले काफी देर तक बाहर खड़ा रखने के संबंध में विशेषाधिकारी कमेटी द्वारा जवाब दिया गया कि इससे पहले कमेटी द्वारा मामले पर मीटिंग की जा रही थी। गौरतलब है कि विशेषाधिकारी कमेटी के चेयरमैन कुलवंत सिंह पंडोरी हैं, जबकि सदस्यों में सुरजीत सिंह रंधावा, डॉ सुखविंदर सुक्खी, रजिंदर पाल कौर छिन्ना, अरूणा चौधरी, रूपिंदर सिंह हैप्पी, हरदेव सिंह लाडी (सभी विधायक) हैं, जो आज मीटिंग में उपस्थित रहे।