ख़बरिस्तान नेटवर्क : कनाडा में पढ़ाई करना अब मुश्किल होने वाला है। क्योंकि कनाडा ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को दिए जाने वाले स्टडी परमिट में कटौती की है। इस कटौती के चलते ही भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या में पिछले साल के मुकाबले में 31 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
3 महीने में इतने स्टूडेंट्स को दिया परमिट
इमिग्रेशन रिफ्यूजीज एंड सिटीजनशिप कनाडा की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी-मार्च महीने में सिर्फ 30,640 स्टूडेंट्स को ही स्टडी परमिट दिया गया है। जबकि पिछले साल की बात करें इसी दौरान 44,295 स्टूडेंट्स को परमिट दिया गया था। कटौती करने के पीछे की वजह भी सामने आई है।
इस कारण लिया कनाडा सरकार ने फैसला
दरअसल जनवरी 2025 में कनाडा की आबादी 4 करोड़ 15 लाख थी। जिसमें 3 करोड़ 2 लाख लोग अस्थाई निवासी थे, मतलब कि वह कनाडा में पक्के तौर पर नहीं रहे थे। यह कनाडा का लगभग 7.25 फीसदी है। कनाडा सरकार इसी को कम करके 5 फीसदी पर लाना चाहती है। जिस वजह से स्टडी परमिट में कटौती की जा रही है।
इतने लाख लोगों को ही देंगे स्टडी परमिट
कनाडा सरकार 4,37,000 स्टूडेंट्स को आने वाले एक साल के लिए स्टडी परमिट देगी। जो साल 2024 के मुकाबले 10 फीस्दी कम है। इसका सबसे ज्यादा असर पंजाबियों पर होगा। क्योंकि पंजाब से काफी संख्या में स्टूडेंट्स कनाडा में स्टडी करने के लिए जाते हैं।
कनाडा आने वाले स्टूडेंट्स में 40 फीसदी की कमी
कनाडा 2 साल पहले से ही इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या कम करने की कोशिश शुरू कर दी थी। कनाडा ने साल 2023 में कुल 6.81 लाख स्टडी परमिट जारी किए थे। इनमें से 2.78 लाख भारतीय स्टूडेंट्स के लिए थे। साल 2024 में इसे कम करके 5.16 लाख कर दिया था। जिसमें 1.88 लाख भारतीय स्टूडेंट्स थे। इसी कारण कनाडा आने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या में 40 फीसदी की कमी देखने को मिली है।
कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना हुआ मुश्किल
इतना ही नहीं कनाडा में कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेना भी मुश्किल हो गया है। क्योंकि कनाडा दो ग्रुपों में परमिट देता है। जिसके लिए स्थानीय प्रोविजनल वेरिफिकेशन लैटर या फिर रीजनल वेरिफिकेशन लैटर जमा कराना होता है। कनाडा सरकार ने स्टडी परमिट अप्लाई करने के लिए कई नियम लागू किए हैं। जिस कारण कॉलेज-यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेना मुश्किल हो गया है।