कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने नए इमिग्रेशन प्लान का ऐलान कर दिया है। ये प्लान 2025 से लागू होगा और 2027 तक रहने वाला है। कनाडा में लगभग 18 लाख भारतीय रह रहे हैं। इनमें से एक बड़ी आबादी उन लोगों की है जो नौकरी के लिए कनाडा गए हैं। इसके बाद यहां अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वाले भारतीय स्टूडेंट की संख्या है।
वहीं, भारत से लोग कनाडा जाते हैं क्योंकि यहां वीज़ा प्राप्त करना और बाद में स्थायी निवास प्राप्त करना आसान है। हालांकि, अगले साल से चीजें पूरी तरह से बदलने वाली हैं। इस प्लान का मकसद कनाडा की आबादी को कंट्रोल करने के साथ-साथ आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना है।
अब सिर्फ इतने लोगों को मिलेगी PR
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडा ने 2024 में जहां 4,85,000 नए परमानेंट रेजिडेंट्स को देश में आने की इजाजत दी, वहीं 2025 में घटकर सिर्फ 3,95,000 लोगों को ही आने की इजाजत मिलेगी। 2026 में ये संख्या 3,80,000 रहेगी और 2027 में 3,65,000 रहने वाली है।
सभी नागरिकों पर पड़ेगा प्रभाव
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडा ने काफी सालों के बाद इमिग्रेशन के अपने टारगेट को कम करने का फैसला किया है। जहां इस बदलाव की वजह से विदेशी नागरिकों पर प्रभाव पड़ेगा। ठीक वैसे ही इसका उन लोगों पर भी पड़ने वाला है, जो इस वक्त कनाडा में मौजूद हैं। कनाडा के नागरिक, परमानेंट रेजिडेंट, इंटरनेशनल स्टूडेंट्स या टेंपररी वर्कर हों, सभी को नए नियम प्रभावित करेंगे। ऐसे में आइए जानते हैं कि कनाडा में रहने वाले भारतीय लोगों पर नए नियम किस तरह से असर करने वाले हैं।
नए इमिग्रेशन प्लान में क्या होंगे बदलाव?
परमानेंट रेजिडेंट की संख्या में कमी : कनाडा में रहने के लिए उपलब्ध स्थायी निवासों की संख्या कम कर दी गई है। 2025 में कनाडा में 395,000; 2026 में 3,80,000 लोगों को और 2027 में 3,65,000 लोगों को स्थायी निवास दिया जाएगा। हर गुजरते साल के साथ इसकी संख्या घटती जाएगी।
टेंपरेरी रेजिडेंट के लिए बदले गए नियम : टेंपरेरी रेजिडेंट में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स, टेंपररी वर्कर और अन्य शामिल हैं। 2026 तक इनकी कुल संख्या कनाडा की आबादी का 5% तक पहुंच जाएगी। संख्या कम करने के लिए नौकरियों और पढ़ाई के लिए वीज़ा नियमों को कड़ा किया जाएगा।
टेंपरेरी रेजिडेंट को पीआर देने पर जोर : कनाडा में काम करने वाले अस्थायी निवासियों को पीआर दिया जाएगा। जो लोग पहले से ही कनाडा में हैं उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। 2025 तक, 40% से अधिक नए स्थायी निवासियों में वे लोग शामिल होंगे जो पहले से ही अंतरराष्ट्रीय छात्रों या कुशल श्रमिकों के रूप में कनाडा में रह रहे हैं।
इकनॉमिक एरिया पर ज्यादा ध्यान : आने वाले सालों में कनाडा उन क्षेत्रों में विदेशियों को काम पर रखने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करेगा जहां वर्कर्स की कमी है। स्वास्थ्य सेवा और व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में लोगों की कमी है। 2027 तक कुल 61.7% नए लोग आर्थिक वर्ग से आएंगे।
फ़्रेंच-भाषी समुदाय का विकास : कनाडा फ़्रेंच-भाषी लोगों को अपने देश में लाना चाहता है। योजना 2025 में 8.5%, 2026 में 9.5% और 2027 तक 10% लोगों को देश में लाने की है जो फ्रेंच के साथ-साथ अंग्रेजी भी बोलते हैं। कनाडा के कई प्रांत फ़्रेंच भाषा बोलते हैं, इसलिए इस भाषा को बोलने वाले लोगों के आने से उन्हें फ़ायदा होगा।
इमिग्रेशन प्रणाली में सुधार : 2025-2027 योजना के साथ-साथ कनाडा देश की इमिग्रेशन प्रणाली में भी सुधार करना चाहता है। इसके लिए इंटरनेशनल स्टूडेंट प्रोग्राम में बदलाव किए जाएंगे, अस्थायी विदेशी कर्मचारियों के लिए नए मानदंड बनाए जाएंगे और पोस्ट ग्रेजुएशन वर्क परमिट और स्पाउस वर्क परमिट में बदलाव किए जाएंगे।