बाबा अमरनाथ की यात्रा 29 जून से शुरू होने वाली है। यात्रा शुरू होने से पहले बाबा बर्फानी की प्रथम पूजा आरती की गई। मंत्रोच्चारण के साथ बाबा अमरनाथ की आरती और पूजा की गई। इस दौरान जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी पूजा में शामिल हुए। एलजी मनोज सिन्हा पूजा और आरती में वर्चुअली शामिल हुए।
यात्रा के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
29 जून से शूरू होने वाली बाबा अमरनाथ की यात्रा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। साथ ही अमरनाथ यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। इसके लिए ग्रह मंत्री अमित शाह की तरफ से सख्त निर्देश दिए गए है कि सुरक्षा में किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों की विभिन्न कंपनियां तैनात की गई है।
दरअसल, इस बार बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए हेलिकॉप्टर सेवा की ऑनलाइन बुकिंग शुरू की गई है। ऑफ़लाइन टिकट या प्राथमिकता उपलब्ध नहीं होगी। बुकिंग पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगी। इसके साथ ही पहलगाम से पंजतरणी तक एक तरफ का किराया 4900 रुपये, दो तरफ का किराया 9800 रुपये, नीलग्रथ से पंजतरणी तक एक तरफ का किराया 3250 रुपये और दोनों तरफ का किराया 6500 रुपये तय किया गया है।
इस उम्र के श्रद्वालुओं को मिलेगा यात्रा का मौका
आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा के लिए उम्र सीमा तय की गई है। यात्रा पर जाने वाले की कम से कम उम्र 13 साल से लेकर 75 साल तक होनी चाहिए। इसके साथ ही छह महीने से ज्यादा गर्भावस्था वाली महिलाओं को यात्रा की अनुमति नहीं होगी।
जानें अमरनाथ यात्रा के दोनों रूट के बारे में
पहलगाम रूट
पहलगाम रूट से गुफा तक पहुंचने में करीब 3 से 5 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। पहलगाम अमरनाथ ट्रेक का बेस कैंप है, जो अमरनाथ गुफा से 47 किमी की दूरी पर है। सभी यात्री पहलगाम से अमरनाथ तक की यात्रा पैदल कर सकते है । पहला पड़ाव चंदनवारी के बेस कैंप से लगभग 16 किमी दूर है जिसके बाद असली ट्रेक शुरू होता है। अगला पड़ाव 3 किमी पर पिस्सु टॉप है जिसके बाद, आप 9 किलोमीटर की दूरी पर शेषनाग पहुचंते है।
शेषनाग के बाद पंजतरणी आता है, जो 14 किमी दूर है। 6 किमी और चलने के बाद, आप अमरनाथ की गुफा में पहुचेंगे।
ट्रेकिंग मार्ग: पहलगाम – चंदनवारी – पिस्सु टॉप – शेषनाग- पंचतरणी – अमरनाथ गुफा
बालटाल रूट
वक्त कम हो, तो बाबा अमरनाथ दर्शन के लिए बालटाल रूट से जा सकते हैं। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन इसमें सिर्फ खड़ी चढ़ाई है, इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर संकरे रास्ते और खतरनाक मोड़ हैं।
किन बातों का ध्यान रखें
अमरनाथ यात्रा के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, आरएफआईडी कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म अपने साथ रखें। इसके साथ ही फिजिकल फिटनेस के लिहाज से हर रोज 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस करें। सांस वाला योग और एक्सरसाइज करें।
अमरनाथ का मौसम
अमरनाथ के मौसम का कोई भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता। यात्रा के दौरान कभी भी बारिश या बर्फ बारी हो जाती है। मौसम बेहद ठंडा हो जाता है, इसलिए बहुत ज़रूरी है कि आप खुद को गर्म कपड़ों से अच्छी तरह ढंक लें।
अमरनाथ यात्रा पर ले जाने के लिए चीजें
- गर्म कपड़े और ऊनी टोपी और मोज़े
- हवा से बचने की जैकेट
- सनस्क्रीन और कीड़ों से बचने की क्रीम
- पानी से बचाने वाले जूते और कोट
- ट्रेकिंग करने के लिए लाठी
- स्टील की पानी की बोतल
- फर्स्ट ऐड किट
- अधिक बैटरी के साथ टोर्च