पाकिस्तान की सेना ने आधिकारिक रूप से पहली बार कबूल किया है कि 1999 के कारगिल युद्ध में उसकी भागीदारी थी। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना का हाथ था। पाक का यह कबूलनामा 25 साल बाद आया है। शुक्रवार (6 सितंबर) को रक्षा दिवस के मौके पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने करगिल में पाक सेना के जवानों की मौत की बात स्वीकार की।
हालांकि अभी तक पाकिस्तान के किसी भी सेना प्रमुख चाहे लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) शाहिद अजीज और पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने करगिल युद्ध में पाकिस्तान के शामिल होने की बात मानी थी। इसके अलावा 1999 के कारगिल संघर्ष के दौरान पाक सेना प्रमुख जनरल रहे परवेज मुशर्रफ ने खुद कई बार इस बात को स्वीकार किया है।
पाकिस्तानी आर्मी चीफ का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दरअसल, यह पहली बार है जब पाकिस्तानी सेना के किसी अधिकारी ने जंग में पाकिस्तानी सैनिकों के शहीद होने की बात कही है। इससे पहले तक पाकिस्तान ये दावे करता रहा है कि कारगिल जंग कश्मीर के मुजाहिदों ने छेड़ी थी। उसमें पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं थी। वहीं भारत लगातार यह आरोप लगाता आया है कि कारगिल जंग LOC को बदलकर कश्मीर पर कब्जा करने के लिए पाकिस्तान की सोची-समझी साजिश थी।
पाकिस्तानी सेना ने अपने कई सैनिकों के शव नहीं लिए
यह भी एक तथ्य है कि कारगिल से पाकिस्तानी सेना के कई सैनिकों के शव वापस नहीं लाए गए। इसके कारण उनके परिवारों ने पाकिस्तानी सरकार और सेना की शव अपने कब्जे में लेने में अनिच्छा पर सवाल उठाए थे।
कारगिल में मारे गए सेना अधिकारी कैप्टन फरहत हसीब के भाई इतरत अब्बास ने कहा, "जो अधिकारी हमसे मिलने आए हम उनसे लगातार अपने प्रियजनों के शव वापस लाने का प्रयास करने के लिए कहते रहे। मेरा मानना है कि उन्हें और अधिक प्रयास करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि कारगिल में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और सैनिक तैनात थे।