पंजाब में बहुजन समाज पार्टी(BSP) और अकाली दल गठबंधन जारी रहेगा। बसपा प्रधान जसबीर सिंग गढ़ी का कहना है कि वह पार्टी प्रमुख से मिलकर आए हैं। पार्टी प्रमुख मायवती कहना है कि चुनाव में बसपा और अकाली दल का गठबंधन कायम रहेगा।
उन्होंने कहा कि मायावती ने जो ऐलान किया था वो सिर्फ बसपा एनडीए और INDIA गठबंधन में शामिल नहीं होने के लिए था। वहीं, पंजाब में सीट शेयरिंग का मामला दोनों दलों की हाईकमान तय करेगी। उन्होंने अकाली दल और बसपा दोनों कैडर पर आधारित पार्टियां है। आने वाले विधानसभा चुनावों में नतीजे अच्छे रहेंगे।
इस तरह हुआ था गठबंधन
तीन कृषि कानूनों के चलते हुए संघर्ष के बाद बीजेपी और शिअद की राह गत विधानसभा चुनाव के समय अलग हो गई थी। इसके बाद अकाली दल और बसपा में गठबंधन हुआ था। दोनों दलों ने विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था, जिसमें अकाली दल को तीन और बसपा को एक सीट मिली। लेकिन काफी समय से दोनों के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे थे। आरोप थे कि दोनों की मीटिंग तक नहीं हो रही है। साथ ही अकाली दल ने अपने प्रोग्राम में बसपा नेताओं को शामिल तक नहीं किया था।
सीटें हुई तय
लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और दोनों पार्टियों में कोई तालमेल के लिए मीटिंग नहीं हुई है और न ही यह पता चला है कि किस पार्टी ने कौन सी सीट लड़नी है। उन्होंने बसपा की ओर से सभी 13 सीटें लड़ने की घोषणा भी कर दी थी लेकिन अब उसके कुछ ही दिन बाद सुखबीर बादल की मायावती के साथ हुई दो मुलाकातों के बाद जसबीर सिंह गढ़ी कहते नजर आ रहे हैं कि शिरोमणि अकाली दल के साथ उनका पक्का समझौता है।
उन्होंने कहा कि काडर कैंप के माध्यम से बसपा काडर पूरे पंजाब में बूथ कमेटियां बनाएगा और गठबंधन के सभी उम्मीदवारों की जीत के लिए काम करेगा।
ऐसे हुआ था फिर से गठबंधन
2022 के चुनाव में दोनों दलों ने 25 साल बाद हाथ मिलाया था। इससे पहले दोनों पार्टियों ने 1996 में साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ा था। उस समय गठबंधन ने राज्य की 13 लोकसभा सीटों में से 11 पर जीत दर्ज की थी। जबकि अब यह गठबंधन चल रहा है।