At first sight, he gave his heart to Farida : पंकज उधास के गाने और उनकी आवाज जितनी हसीन थ़ी, उतनी ही हसीन उनकी लव स्टोरी भी रही है। बात उस दौर की है, जब पंकज उधास ग्रैजुएशन कर रहे थे। कॉलेज के ही दिनों में उनकी नजर जब पड़ोस में रहने वाली एयर हॉस्टेस फरीदा पर पड़ी तो वे पहली ही नजर में फरीदा को दिल दे बैठे। दरअसल, दिग्गज सिंगर पंकज उधार अपनी पड़ोसन पर जब दिल हार गए थे तो उन्होंने कुछ भी नहीं देखा और इस इश्क को मुकम्मल करने के लिए वे धर्म की दीवार भी लांघ गए थे। आज हर कोई सिंगर के निधन से गमगीन है और उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दे रहा है।
बेटी नायाम उधास ने पोस्ट शेयर किया
बीते दिनों सिनेमा जगत से एक से एक बुरी खबर सामने आ रही हैं। बीते दिनों सुहानी भटनागर की मौत ने फैंस को गहरा सदमा दिया था। बताया जा रहा है कि 72 साल की उम्र में सिंगर ने अंतिम सांस ली। पंकज उदास की बेटी नायाम उधास ने उनकी मौत की खबर की पुष्टि करते हुए एक पोस्ट शेयर किया है।
लंबी बीमारी के चलते निधन की खबर
स्टेटमेंट में लिखा है बहुत भारी मन से, हम आपको लंबी बीमारी के चलते 26 फरवरी 2024 को पद्मश्री पंकज उधास के दुखद निधन की जानकारी देते हुए दुखी हैं। पंकज किस बीमारी से जूझ रहे थे इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है।
सिंगिंग में रातोंरात मिली थी शोहरत
पंकज उधास गजल गायिकी की दुनिया में बड़ा नाम थे। सिंगिंग में लोहा मनवाया। उन्हें 'चिट्ठी आई है' गजल से शोहरत मिली. यह गजल 1986 में रिलीज हुई फिल्म 'नाम' में शामिल थी। पंकज ने गजलों को आवाज दी जिनमें 'ये दिल्लगी', 'फिर तेरी कहानी याद आई', 'चले तो कट ही जाएगा' और 'तेरे बिन' शामिल है।
कई अवॉर्ड्स से नवाजे गए हैं पंकज
अपनी बेहतरीन आवाज के लिए पंकज उधास ने कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया। इनमें पद्मश्री (2006), महाराष्ट्र गौरव अवॉर्ड (2012), फिल्म 'नाम' के गीत 'चिट्ठी आई है' के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर कैटेगिरी में फिल्मफेयर अवॉर्ड (1988) से नवाजा गया। इसके अलावा उन्हें एल.एस. गाल अवॉर्ड (1985), संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड (2003) और इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन एकेडमी (IIFA) अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया।