अनुपम खेर का जन्म 7 मार्च 1955 को हुआ। आज अनुपम खेर 69 साल के हो चुके हैं। उनके जन्मदिन के खास मौके पर पढ़िए गरीबी में पले-बढ़े अनुपम खेर के फिल्मों में आने के मजेदार किस्से-
14 लोगों के साथ एक कमरे के घर में गुजारा करते थे अनुपम
अनुपम खेर के पेरेंट्स कश्मीरी थे। भारत-पाक के बंटवारे के बाद कश्मीर के हालात बिगड़ने लगे और वहां कश्मीरी पंडितों को मारा और भगाया जाने लगा। दंगों के बीच ही अनुपम खेर के माता-पिता कश्मीर से शिमला आकर बस गए थे, जहां अनुपम खेर का जन्म हुआ। अनुपम को घरवाले प्यार से बिट्टू बुलाते हैं। बड़े-बड़े अभिनेताओं के लिए कहा जाता है कि वो एक्टिंग का गुर लेकर पैदा हुए थे, लेकिन अनुपम खेर के साथ ऐसा नहीं हुआ। शिमला में कश्मीरी पंडितों के परिवार में जन्मे अनुपम खेर का बचपन बेहद गरीबी में बीता। पिता की तनख्वाह महज 90 रुपए थी और एक कमरे के घर में रहने वाले लोग थे 14। पढ़ाई के लिए अनुपम का एडमिशन शिमला के DAV स्कूल में करवाया गया था।
ऑडिशन देने के लिए मंदिर से चोरी किए 100 रुपए, घर आई थी पुलिस
कॉलेज के दिनों में ही अनुपम ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में थिएटर कोटा से अप्लाय किया था। वो ग्रेजुएशन कर ही रहे थे कि उन्हें चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में ऑडिशन के लिए बुलाया गया। बुलावा तो आ गया, लेकिन इसके लिए उन्हें चंडीगढ़ जाकर एक ऑडिशन देना था। उनके पास चंडीगढ़ जाने के न पैसे थे, न गरीब पिता से इसकी डिमांड करने की हिम्मत। अपनी टिकट के पैसे जुगाड़ने का किस्सा अनुपम खेर ने संसद टीवी को दिए एक इंटरव्यू में सुनाया।
एक दिन पैसों का जुगाड़ करने के लिए अनुपम घर में बने मंदिर में गए। उनकी मां उस मंदिर में रोज चवन्नी अठन्नी रखा करती थीं, जिससे वहां साल भर में 108 रुपए जमा हो चुके थे। अनुपम ने वहां से 100 रुपए चुराए और 8 रुपए मंदिर में ही छोड़ दिए। अनुपम ने घरवालों को कहा कि वो दोस्तों के साथ पिकनिक जा रहे हैं और शाम को लौट आएंगे। उन्होंने सुबह बस पकड़ी चंडीगढ़ में ऑडिशन दिया और शाम तक घर लौट आए। घर आए तो देखा घर में हंगामा मचा हुआ है। 100 रुपए की चोरी की शिकायत पुलिस में कर दी गई और घर में पुलिसवालों का जमावड़ा लगा हुआ था।
एक साल के डिप्लोमा के बाद उन्होंने 3 साल तक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से भी डिप्लोमा किया। पढ़ाई के बीच में ही 1979 में घरवालों ने अनुपम खेर की शादी मधुमालती कपूर से करवा दी। उनकी पत्नी ज्यादातर शिमला में ही रहती थीं, जबकि अनुपम पढ़ाई के सिलसिले में दिल्ली में रहा करते थे। कुछ समय बाद NSD में पढ़ते हुए अनुपम की मुलाकात किरण खेर से हुई। दोनों साथ पढ़ा करते थे, वहीं किरण भी शादीशुदा और एक बच्चे (सिकंदर खेर) की मां थीं। उनके पति गौतम बेरी एक बिजनेसमैन थे।
शादीशुदा अनुपम को हुआ किरण खेर से प्यार
स्ट्रगल के दिनों में अनुपम खेर की मुलाकात दोबारा किरण खेर से हुई, जो फिल्मों में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रही थीं। इसी बीच दोनों को नादिरा बब्बर के प्ले चांदपरी की चंपाबाई में साथ काम मिला। दोनों प्ले करने के लिए कोलकाता गए थे, जहां अनुपम ने किरण को शादी का प्रस्ताव दे दिया। किरण ने झट से हामी भर दी और दोनों ने तलाक लेकर 1985 में शादी कर ली। अनुपम ने किरण खेर के बेटे सिकंदर को भी अपना लिया और उसे अपना सरनेम दिया। किरण और अनुपम की अपनी कोई संतान नहीं है।
19 साल की उम्र में झड़ने लगे बाल
अनुपम खेर महज 19 साल के थे, जब उनके बाल झड़ने लगे। उनके पिता और चाचाजी ने भी कम उम्र में गंजेपन का सामना किया था, लेकिन हीरो बनने मुंबई पहुंचे अनुपम के लिए गिरते हुए बाल एक चिंता का विषय था। बाल इतनी तेजी से गिर रहे थे कि अनुपम कंघी करने से डरने लगे, पंखे के सामने खड़े होने से बचते थे और टैक्सी में विंडो हमेशा बंद रखते थे। बाल बचाने के लिए उन्होंने कई जड़ी-बूटियां इस्तेमाल की थीं। कभी 4-4 दिनों तक रीठा लगाकर रखते थे, तो कभी कोई नुस्खा अपनाया। एक दिन किसी ने उनसे कह दिया कि ऊंट का पेशाब लगाने से बाल वापस आ जाते हैं। ऐसे में अनुपम एक प्लास्टिक की बोतल लेकर जुहू बीच पहुंच गए, जहां ऊंट हुआ करते थे। महेश भट्ट को दिया था शाप
सालों के संघर्ष के बाद महेश भट्ट ने 29 साल के अनुपम खेर को 1984 की फिल्म सारांश में 65 साल के बुजुर्ग व्यक्ति का रोल दिया था। अपनी डेब्यू फिल्म के लिए अनुपम ने 6 महीने पहले ही बुजुर्ग व्यक्ति की तरह चलना और बोलना शुरू कर दिया। शूटिंग शुरू होने ही वाली थी कि 10 दिन पहले उन्हें एक दोस्त के जरिए पता चला कि राजश्री प्रोडक्शन वालों ने उन्हें फिल्म से निकाल दिया है। उनकी जगह अब संजीव कुमार फिल्म में रहेंगे। ये सुनते ही अनुपम ने सीधे महेश भट्ट को कॉल किया, तो जवाब मिला कि वो किसी न्यूकमर को लेकर रिस्क नहीं ले सकते। इस रिजेक्शन से वो बुरी तरह टूट गए और उन्होंने मुंबई छोड़कर जाने का मन बना लिया। जाने से पहले अनुपम खेर, महेश भट्ट से मिलने पहुंचे। मिलते ही अनुपम ने महेश पर चिल्लाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, 'आप बहुत बड़े धोखेबाज हैं, आखिरी समय पर कोई किसी को फिल्म से कैसे निकाल सकता है। मैं एक ब्राह्मण व्यक्ति हूं और आपको शाप देता हूं।'
फिल्म सारांश रिलीज होते ही एक हफ्ते में साइन की थीं 57 फिल्में
फिल्म सारांश 25 मई 1984 को रिलीज हुई थी। फिल्म में बेहतरीन अभिनय की बदौलत अनुपम खेर को महज एक हफ्ते में ही 57 फिल्मों के ऑफर मिले। क्रिटिक्स की तारीफों के साथ-साथ फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड भी मिला था। आगे उन्होंने तेजाब (1988), डैडी (1989), राम लखन (1989), निगाहें (1989) जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम कर खुद को 80-90 के दौर के बेहतरीन सपोर्टिंग एक्टर्स में शुमार कर लिया।