पंजाब में 18 संगठनों और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब ने सैकड़ों स्थानों पर जिला स्तर पर सरकार और कॉरपोरेट्स के पुतले फूंके। इसी तर्ज पर प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सबरां, प्रांतीय नेता सलविंदर सिंह जानियां, जिला अध्यक्ष गुरमेल सिंह रेडवां के नेतृत्व में शाहकोट तहसील के मैदान में मोदी सरकार और कॉरपोरेट घरानों के पुतले फूंके।
बाढ़ पीड़ितों को नहीं दिया गया कोई मुआवजा
सरकारों ने देश के किसानों और मजदूरों से मुंह मोड़ लिया है। धान की पराली में लगी आग तो सरकारों को दिख रही है, लेकिन मंडियों में धान दिख नहीं रहा है, पंजाब और केंद्र सरकार ने अभी तक बाढ़ पीड़ितों को कोई मुआवजा नहीं दिया है। श्रमिकों का वेतन डॉ. स्वामीनाथन की रिपोर्ट के आधार पर देश की जनता को उनकी दिहाड़ी देने की बजाय, जबरदस्ती चिप मीटर लगा रही है।
लखीमपुर खीरी के शहीदों को न्याय
सरकार MSP गारंटी कानून बनाने के वादे से मुकर गई, सरकार मालिकाना हक देने से भाग रही है, नशा खत्म करने के सारे वादे झूठे निकले, दिल्ली आंदोलन के शहीदों और लखीमपुर खीरी के शहीदों को न्याय नहीं मिला। इस दौरान कहा गया कि अगर ये मांगें नहीं मानी गईं तो उच्च स्तर पर मोर्चा खोला जाएगा।
मंडियों में हो रही लूट
उत्तर भारत के 18 संगठनों और गैर राजनीतिक मोर्चे के सहयोग से नवंबर महीने में टोल प्लाजा फ्री कराए जाएंगे। सभी संस्थाएं कॉर्पोरेट घरानों के पास जा रही हैं, मंडियों में बड़े पैमाने पर लूट हो रही है, नमी या गुणवत्ता की कमी के नाम पर मालिक और व्यापारी मिली भगत कर रहे हैं। किसानों को लूटा जा रहा हैं। मंडियों को खत्म करने की तैयारी की जा रही है।
इस मौके पर अन्य लोगों के अलावा प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह साबरा और प्रदेश नेता सलविंदर सिंह जानियां और जिला अध्यक्ष गुरमेल सिंह रेडवां, हरप्रीत सिंह कोटली गजरां, जरनैल सिंह रामे, निर्मल सिंह ढंडोवाल, जगदीश पाल सिंह चक बहमनी, राजिंदर सिंह नंगल अंबियां, बलजिंदर सिंह राजेवाल, बलदेव सिंह कुहाड़, मेजर सिंह, मनदीप सिंह मीवाल, लवप्रीत सिंह कोटली, जगतार सिंह चक बहमनी, धन्ना सिंह सरपंच, जग्गा सादिकपुर और बड़ी संख्या में महिला किसान मौजूद थीं।