वेब खबरिस्तान, नई दिल्ली : पिछले वर्ष सेना भर्ती के लिए नई अग्निपथ योजना लाई। फ़िलहाल इसी योजना के तहत देश की तीनों सेनाओं में जवानों की भर्ती की जा रही है। हालांकि अब उनके क्राइटेरिया को पहले के मुकाबले सरल किया गया है। वैसे तो भारतीय सेना में भर्ती होकर देश सेवा करना हर युवा का सपना होता है। पहले हर वर्ष सेना में भर्ती निकलती थीं और हजारों की संख्या में जवान भर्ती किए जाते थे। हालांकि कोरोना काल के दौरान इस पर रोक लगा दी गई। पिछले वर्ष सेना भर्ती के लिए नई अग्निपथ योजना लाई। इसको लेकर तमाम विवाद हुए। फ़िलहाल इसी योजना के तहत देश की तीनों सेनाओं में जवानों की भर्ती की जा रही है। सेना में भर्ती होने वाले अग्निवीर के लिए क्राइटेरिया को पहले के मुकाबले सरल किया गया है।
क्राइटेरिया पहले के मुकाबले सरल किया
हालांकि अब यह क्राइटेरिया एक जैसा कर दिया गया है। सेना ने इस संबंध में नई नीति जारी की है। अग्निवीर के लिए क्राइटेरिया को पहले के मुकाबले सरल किया गया है। इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले जवानों के लिए कुछ क्राइटेरिया किए गए थे। यह क्राइटेरिया कुछ कठिन बताए जाते रहे हैं। अब सेना ने इन्हें कुछ सरल किया है। जानकारी के अनुसार, अग्निवीर का पहला बैच ट्रेनिंग पूरी कर अपनी-अपनी यूनिट्स में आ गया है। हालांकि नई नीति जारी होने से पहले ही अग्निवीर का पहला बैच ट्रेनिंग पूरी कर अपनी-अपनी यूनिट्स में आ गया है।
सुपर एक्सिलेंट श्रेणी में आते हैं अग्निवीर
इन सब के पहले साल की योग्यता का आकलन पुरानी पॉलिसी यानी टफ क्राइटेरिया के हिसाब से ही किया गया है। अग्निवीर का आकलन पहले साल ट्रेनिंग सेंटर में और फिर तीन साल यूनिट में होना है। रेगुलर सैनिक के लिए 5000 फीट की ऊंचाई तक में 5 किलोमीटर की दौड़ 25 से 28 मिनट में पूरा करना होता है। वहीं अग्निवीर यह दौड़ 23 मिनट में पूरी करने पर सुपर एक्सिलेंट की श्रेणी में आते हैं। वहीं, रेगुलर सैनिक अगर 25 मिनट या उससे कम समय में भी दौड़ पूरी करते हैं तो वे एक्सिलेंट ही होंगे। यहां 23 मिनट में दौड़ पूरी करने की कोई श्रेणी ही नहीं है।