अमेरिका ने भारत समेत दुनिया की 20 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है, जिनमें से 6 भारतीय कंपनियां हैं। अमेरिका का आरोप है कि इन कंपनियों ने ईरान से पेट्रोलियम उत्पादों का बिजनेस किया है, जो अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन है।
बिजनेस से मिलने वाले Revenue का उपयोग
साथ ही अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ईरानी सरकार इस बिजनेस से मिलने वाले राजस्व (Revenue) का उपयोग मिडिल ईस्ट में संघर्ष को बढ़ावा देने, आतंकवाद को फंड करने और अपने लोगों पर अत्याचार करने के लिए करती है।
अमेरिका ने जिन 6 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें
अलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड
ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड
ज्यूपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड
रमणिकलाल एस गोसलिया एंड कंपनी
परसिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड
कंचन पॉलिमर शामिल हैं।
इन कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खरीद, अधिग्रहण, बिक्री, परिवहन या मार्केटिंग की है, जो अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन है।
25 फीसदी टैरिफ लगाने ऐलान
वही बता दे कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का भी ऐलान किया है। इसके साथ ही एक अगस्त से पेनल्ट भी लगेगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत अमेरिका का अच्छा दोस्त है, पर कुछ सालों में हमने उसके साथ कम बिजनेस किया है, क्योंकि उसके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं।ट्रंप ने कहा कि भारत की नीतियां ऐसी हैं जो अमेरिकी कंपनियों को व्यापार करने में मुश्किलें पैदा करती हैं। भारत आज हमने ज्यादातर हथियार रूस से खरीदता है। इतना ही नहीं चीन के साथ मिलकर भारत रूस से बड़ी मात्रा में तेल और गैस खरीदता है। जबकि पूरी दुनिया चाहती है कि रूस से यूक्रेन हिंसा रोके।
ट्रंप ने आगे कहा कि इन सब वजहों से अब अमेरिका ने फैसला किया है कि भारत से आने वाले सामानों पर 1 अगस्त से 25% टैरिफ लगाएगा। इसके अलावा पेनल्टी भी लगाई जाएगी। दोनों देशों के बीच सबकुछ सही नहीं है।