A village on the border of India and Pakistan, where the water is different from all others : हर जगह की अपनी एक खासियत होती है लेकिन भारत और पाकिस्तान की सीमा पर एक ऐसा गाँव है, जिसकी खासियत बेहद अनोखी है। इस गाँव की महिलाएँ कभी बूढ़ी नहीं होतीं। ये महिलाएँ बुढ़ापे में भी बेहद सुंदर दिखती हैं। इनकी उम्र 80 साल या उससे ज़्यादा हो सकती है, लेकिन इन्हें देखकर लगता है कि ये केवल 25 या 30 साल की हैं। यही नहीं, ये महिलाएँ शायद ही कभी बीमार पड़ती हैं। अब बताइए, यह पानी का असर है या हवा का? यह गाँव कहाँ है? ये लोग क्या खाते हैं? कैसे रहते हैं? हम आपको यह रहस्य बताएँगे।
पहाड़ी इलाकों में हुंजा घाटी
पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में हुंजा घाटी स्थित है। यहाँ एक आदिवासी समुदाय रहता है। हुंजा घाटी भारत और पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा पर स्थित है। इस आदिवासी समुदाय की खासियत यह है कि यहाँ के लोग बेहद सुंदर और जवान दिखते हैं। इस समुदाय की महिलाएँ 65 से 70 साल की उम्र में भी जवान लगती हैं।
आबादी लगभग 87,000 है
खास बात यह है कि इस उम्र में भी ये महिलाएँ बच्चों को जन्म देती हैं। हुंजा गाँव हिमालय की पहाड़ियों में बसा है। इस गाँव को “दुनिया की छत” भी कहा जाता है। यह भारत के उत्तर में स्थित है। यहाँ से भारत, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान की सीमाएँ जुड़ती हैं। इस आदिवासी समुदाय की आबादी लगभग 87,000 है। इनकी जीवनशैली बेहद प्राचीन है।
90 साल उम्र में बनते हैं पिता
गिलगित-बाल्टिस्तान के पहाड़ों में यह गाँव बसा है। यहाँ हुंजा आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। इस गाँव की महिलाओं की औसत आयु 110 से 130 साल होती है। कुछ लोग तो 150 साल तक भी जीते हैं। यहाँ के लोग 70 साल की उम्र में भी 20 साल के लगते हैं। और पुरुष 90 साल की उम्र में भी पिता बनते हैं। यहाँ के लोग शायद ही कभी बीमार पड़ते हैं। ये गोरे, हँसमुख और हमेशा जवान दिखते हैं। ये रोज़ाना 15 से 20 किमी चलते हैं। और अपनी ही जाति में विवाह करते हैं।
स्वस्थ जीवनशैली का राज
यहाँ के लोग अपने खेतों में उगाई गई सब्ज़ियाँ खाते हैं। ये लोग खूबानी और धूप में सुखाए हुए अखरोट बहुत खाते हैं। ज्वार, बाजरा और कुट्टू का आटा ज़्यादा खाते हैं। ये दिन में केवल दो बार भोजन करते हैं। यह समुदाय सिकंदर महान के समय का है। जब सिकंदर पूरी दुनिया जीतने निकला था, तब ये लोग उसके साथ आए थे। बाद में ये कश्मीर घाटी में बस गए। इसी के कारण इस इलाके का नाम हुंजा घाटी पड़ा।