6 States Are Becoming Obstacles : पीएम मोदी का जादू उत्तर भारत में भले ही लोगों के सिर चढ़कर बोलता हो, लेकिन दक्षिण भारत में अभी भी फीका है। उत्तर भारत में पंजाब को छोड़कर बाकी राज्यों में बीजेपी ने अधिकतम सीटें अपने नाम पहले से कर रखी हैं, जबकि साउथ में कर्नाटक को छोड़कर बाकी राज्यों में पार्टी का कोई खास आधार नहीं है। ऐसे में पीएम मोदी के एनडीए के 400 पार की राह में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, ओडिशा और पंजाब जैसे राज्य मुख्य बाधा बने हुए हैं। बिना इन राज्यों में ‘कमल’ खिलाए लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता है? बीजेपी को इन राज्यों में कांग्रेस ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय दलों से भी मुकाबला करना होगा। बजट सत्र में पीएम मोदी ने 400 पार का नारा दे दिया हो, लेकिन उसे चुनावी नतीजों में तब्दील करना आसान नहीं है। लोकसभा चुनाव 2024 की सियासी बिसात पर बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए के चार सौ पार सीट की राह में कई राज्य अड़चन बने हुए हैं, जहां पर ‘कमल’ खिलाए बिना पीएम मोदी का सपना साकार नहीं हो सकता है।
2024 में 400 पार का गणित
2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को 400 का आंकड़ा पार करने के लिए केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में अपनी सीटें बढ़ानी होगी, क्योंकि इन्हीं राज्यों में बीजेपी के पास जीतने का मौका दिख रहा। ओडिशा में बीजेपी को आठ से 12 सीटों तक अपने आंकड़ों पर जाने की जरूरत है। बंगाल में 2019 में जीती हुई 18 सीटों को बचाए रखने की चुनौती है। पंजाब में बीजेपी पहली बार सभी 13 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरेगी, जिसके चलते उसे 2 से बढ़ाकर अपनी सीटें चार से पांच पर ले जाना होगा। बीजेपी के पास जिन राज्यों में सीटें बढ़ाने का मौका है, उसी आधार पर 400 पार का आंकड़ा हासिल हो सकता है।
अब नई गिनती 240 सीटों की
दरअसल, बीजेपी पहले देश की करीब 160 सीटों को अपने लिए कमजोर मानती थी, लेकिन इंडिया गठबंधन के बाद अब उसकी नई गिनती 240 सीटों की है। केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, पंजाब और ओडिशा में कुल 177 लोकसभा सीटें आती हैं, जिनमें से 2019 में बीजेपी 32 सीटें ही जीतने में सफल रही थी। इसके अलावा 63 सीटें अलग-अलग राज्यों की हैं, जहां पर मुस्लिम वोटर अहम रोल में है। 2019 में बीजेपी इन 63 सीटों में से सिर्फ 15 सीटें ही जीतने में सफल रही थी। बीजेपी के 370 और एनडीए के 400 पार सीटों का टारगेट इन सीटों पर जीत के बिना पूरा नहीं हो सकता है।
राजनीतिक माहौल में ढालना
दक्षिण भारत में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के अलावा पुडुचेरी और लक्षद्वीप में 131 लोकसभा सीटें आती हैं, जिनमें से बीजेपी 2019 में महज 30 सीटें ही जीत सकी थी, जिसमें 25 सीटें कर्नाटक की और चार सीटें तेलंगाना की थी। वहीं, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला था। दक्षिण भारत के इन राज्यों में बीजेपी के पास अपनी सीटों का इजाफा करना होगा। बीजेपी ने इसके लिए मशक्कत शुरू कर दी है। बीजेपी इस बात को जानती है कि चार सौ पार के लक्ष्य को हासिल करना है तो उस राह में बाधा बनने वाले राज्यों में राजनीतिक माहौल को अपने अनुरूप में ढालना होगा।
कर्नाटक में दुरुस्त समीकरण
कर्नाटक की सत्ता गंवाने के बाद लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने जेडीएस के साथ गठबंधन करके अपने सियासी समीकरण दुरुस्त कर लिए हैं। कर्नाटक में 29 लोकसभा सीटें आती हैं, जिसमें बीजेपी ने 2019 में 25 सीटें जीतने में कामयाब रही थी और एक सीट पर उसके सहयोगी को जीत मिली थी। तेलंगाना में 17 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से बीजेपी के पास फिलहाल चार सीट ही हैं। आंध्र प्रदेश में 25, तमिलनाडु में 39 और केरल में 20 लोकसभा सीटें आती हैं. ओडिशा में 21 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से बीजेपी 8 सीटें 2019 में जीती थी। पंजाब की 13 सीटों में से 2 सीट ही बीजेपी के पास है। बंगाल में कुल 42 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से 18 सीट बीजेपी ने जीती थीं, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से बदल गई है।