हाल ही में स्वाइन फ्लू से एक छोटे से बच्चे की जान जाने का मामला सामने आया है। दरअसल असम के हैलाकांडी जिले में स्वाइन फ्लू के कारण एक शिशु की मौत हो गई। इसका कारण उसके साथ आए रिश्तेदारों ने राज्य के एक अस्पताल में इलाज लेने से मना कर दिया था। इसकी जानकारी वहां के अधिकारीयों ने सोमवार को दी।
15 महीने की बच्ची को हुआ था स्वाइन फ्लू
सिलचर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएमसीएच) के प्रिंसिपल डॉ. भास्कर गुप्ता के मुताबिक शिशु को गंभीर हालत में अस्पताल में लाया गया था जिसके बाद उसे भर्ती किया गया। डॉक्टरों ने मरीज को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखने की सलाह दी थी, लेकिन मरीज के साथ आए रिश्तेदारों ने इलाज न लेने से मना कर दिया और बच्चे को वापस घर ले आये। जहाँ उसकी जान चली गई। वहीँ इस बात को लेकर दो जिलों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
स्वाइन फ्लू क्या होता है
स्वाइन फ्लू एक प्रकार का वायरल संक्रमण है। इसे इन्फ्लूएंजा ए और H1N1 बीमारी के नाम से भी जाना जाता है। ये इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) वायरस से फैलती है। ये एक सांस संबंधी परेशानी है, जो सुअरों में पाई जाती है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ़्लू (H1N1) के लक्षण नॉर्मल फ़्लू के लक्षणों के समान ही होते हैं। वायरस के संपर्क में आने के तीन से पांच दिन बाद लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। इनमे
- बुखार
- ठंड लगना
- खांसी
- गला खराब होना
- शरीर या मांसपेशियों में दर्द
- सिरदर्द
- थकान
- मतली
- उल्टी और दस्त
बता दें शिशुओं और बच्चों में लक्षण अलग अलग हो सकते हैं, यदि आपके शिशु या बच्चे में निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखा लें
- सांस लेने में तकलीफ
- जागने में परेशानी
- पर्याप्त तरल पदार्थ न पीना
- दाने के साथ बुखार आना
- गंभीर मामलों में सांस फूलना और निमोनिया और कम ऑक्सीजन जेसी परेशानियां हो सकती हैं