Chief Minister Shared Interviews On Twitter : ‘कारसेवकों ने बलिदान दिया। इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मार्गदर्शन था, विश्व हिंदू परिषद का नेतृत्व था और पूज्य संतों का आशीर्वाद था। उस आंदोलन से रामजन्मभूमि में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। इसमें एक पाई भी सरकार ने नहीं दी है। पैसा ना केंद्र ने ही दिया और ना ही राज्य की सरकार ने ये सारा का सारा पैसा रामभक्तों ने देश भर से दिया है, दुनिया भर से दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक इंटरव्यू को टि्वटर पर शेयर करते हुए लिखा है। उन्होंने बताया, ''राज्य सरकार ने राम मंदिर के बाहर के इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट के निर्माण पर खर्च किए है। सरकार ने गेस्ट हाउस बनाने का काम, क्रूज सेवा, सड़क का चौड़ीकरण, पार्किंग की सुविधाओं पर पैसा खर्च किया है।'' ये सब काम सरकार पॉलिसी के तहत हो रहा है।
करोड़ों रामभक्त करेंगे दर्शन
सदियों के इंतजार के बाद वो समय आ गया है जब दुनिया भर में फैले करोड़ों रामभक्त भव्य राम मंदिर में अपने प्रभु के दर्शन कर सकेंगे। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा और हर कोई दर्शन कर सकेगा।
राम ज्योति जलाने का आग्रह
सोमवार को देश भर में लोगों से राम ज्योति जलाने का आग्रह किया गया है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए मंदिर को अंदर से बेहद भव्य तरीके से सजाया। उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए धनराशी कहां से आई है।
ऑनलाइन दान की गिनती नहीं
बता दें कि देशभर से रामभक्त दिल खोल कर दान दे रहे है। रोजाना मंदिर को 3-4 लाख रूपए दान मिल रहा है। अगर पूरे महीने की बात करें तो यह रकम डेढ़ से दो करोड़ रुपए तक पहुंच रही है, हालांकि ऑनलाइन दान की अभी तक कोई गिनती नहीं की जा सकी है।