खबरिस्तान नेटवर्क : सरकारी महिला कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। दरअसल सिक्किम की सरकार ने मैटरनिटी लीव को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। जी हां, अब सिक्किम में मां बनने वाली महिलाओं को 12 महीने की छुट्टी दी जाएगी। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने ये ऐलान किया। यही नहीं इसके अलावा बच्चे के पिता को भी एक महीने की छुट्टी देने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जल्द इसे लेकर नियमों में बदलाव किया जाएगा और राज्य में इस योजना को लागू करेंगे, जिससे राज्य की हजारों महिलाओं को फायदा होगा।
मुख्यमंत्री तमांग के इस फैसले का ऐलान होते ही राज्य की महिलाओं में खुशी की लहर देखने को मिली है।
जल्द जारी होगा Notification
सिक्किम राज्य सिविल सेवा अधिकारी संघ की वार्षिक आम सभा को संबोधित करते हुए सिक्किम की सीएम तमांग ने कहा कि इससे सरकारी कर्मचारियों को अपने बच्चों और परिवार की बेहतर देखभाल करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही इसकी विस्तार में जानकारी अधिसूचित की जाएगी। बताया जा रहा है कि आने वाले कुछ ही हफ्तों में सिक्किम सरकार इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी कर सकती है।
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इस ऐलान को लेकर सीएम तमांग ने कहा कि अधिकारी राज्य प्रशासन की रीढ़ हैं, जो सिक्किम और उसके लोगों की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा अधिकारियों के लिए प्रमोशन की प्रक्रिया पर ध्यान दिया जा रहा है, जिससे प्रमोशन की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
क्या कहता मैटरनिटी बेनिफीट एक्ट?
भारतीय संविधान के तहत नौकरी करने वाली महिलाओं के हित के लिए मैटरनिटी बैनिफिट एक्ट बनाया गया है। इस एक्ट के अनुसार पहले दो बच्चों के जन्म पर कामकाजी महिला को 26 हफ्तों की पेड लीव मिलती है। वहीं, तीसरे बच्चे के जन्म के समय 4 हफ्तों तक की छुट्टी मिल सकती है। अगर कोई महिला किसी बच्चे को गोद लेती है तो एक साल तक की छुट्टी का प्रावधान है।
कम आबादी वाला राज्य
मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के तहत नौकरीपेशा महिला छह महीने या 26 सप्ताह के सवेतन मातृत्व अवकाश के लिए अधिकृत है। हिमालयी राज्य सिक्किम में देश की सबसे कम आबादी है और यहां मात्र 6.32 लाख लोग रहते हैं, जिनमें से लाखों नौकरीपेशा लोगों को अब मैटरनिटी और पैटरनिटी लीव बढ़ाए जाने का फायदा मिलेगा।