Festival of Basant Panchami is dedicated to the worship of Maa Saraswati : ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित है बसंत पंचमी का त्यौहार। यह हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे भारत में बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। सरस्वती, विद्या, कला और संगीत की देवी हैं। उनकी आराधना से भक्तों को ज्ञान और विवेक की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से बसंत पंचमी का त्योहार बसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। जब प्रकृति नए रंगों और उमंगों के साथ खिली हुई दिखती। इस समय खेतों में सरसों के पीले फूल खिलते हैं, जो देखने में बेहद खूबसूरत लगते हैं। इस दिन पतंगबाजी का आयोजन भी एक खास परंपरा है।
स्कूल और कॉलेजों में भी विशेष पूजा
पीला रंग बसंत पंचमी का प्रतीकात्मक रंग माना जाता है। यह जीवन में उल्लास और नई शुरुआत का संदेश देता है। लोग इस दिन पीले वस्त्र पहनते हैं और पारंपरिक मिठाइयां बनती हैं, जैसे- बेसन के लड्डू आदि। यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। लोग मंदिरों में जाकर मां सरस्वती की विधिवत पूजा करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं। स्कूल और कॉलेजों में भी विशेष पूजा का आयोजन होता है।
बसंत पंचमी के दिन क्या उपाय करें
तरक्की के लिए क्या करना चाहिए?
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। देवी सरस्वती की मूर्ति या चित्र के आगे घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और देवी का आशीर्वाद मिलता है। दीप जलाने के बाद एक विशेष मंत्र का जाप किया जाता है: "ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम्कारी, वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा"
108, 51 या 21 बार करें मंत्र जाप
इस मंत्र का जाप 108, 51 या 21 बार किया जा सकता है। यह आपकी सुविधानुसार है। इस मंत्र के जाप से बोली में मधुरता आती है और वाणी के दोष दूर होते हैं। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभदायक है जो अपने कार्यक्षेत्र में सफलता चाहते हैं। माना जाता है कि इस मंत्र के नियमित जाप से बुद्धि और विवेक की बढ़ोतरी होती है, जिससे करियर में तरक्की मिलती है और मनचाहे परिणाम मिलते हैं।
वैवाहिक जीवन में मधुरता आएगी
जो लोग अपने वैवाहिक जीवन में समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उनके लिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को नारियल, चुनरी और कलावा चढ़ाना लाभकारी हो सकता है। यह एक आसान और प्रभावी उपाय है जो पति-पत्नी के बीच प्रेम भाव को गहरा करने में मदद करता है। ऐसा करते समय दोनों पति-पत्नी की भावनाएं शुद्ध होनी चाहिए। उनके मन में एक-दूसरे के लिए सम्मान और समझ का भाव होना चाहिए।
मां के आशीर्वाद के लिए करें काम
मां सरस्वती को पीले रंग के फल, जैसे केला या आम, अर्पित करें. पीले पुष्प, पीले वस्त्र और मिठाई भी चढ़ाएं। मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर एक साफ, सफेद वस्त्र पर रखें। इसके बाद देवी को हल्दी का तिलक लगाएं। हल्दी का तिलक देवी को विद्या और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और इससे देवी की विशेष कृपा मिलती है। पूजा के समय देवी सरस्वती के वैदिक मंत्रों का जाप करना चाहिए। इस विधि से पूजा करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं। उनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, बुद्धि और कला का संचार होता है।