World Cup fever has not yet hit America : टी20 विश्व कप 2024 की शुरुआत हो चुकी है और अबतक तीन मुकाबले खेले जा चुके हैं। यह पहली बार है जब इस वैश्विक टूर्नामेंट का आयोजन दो देशों में हो रहा है। आईसीसी ने इस बार टूर्नामेंट की मेजबानी अमेरिका और वेस्टइंडीज को सौंपी थी। अमेरिका में पहली बार क्रिकेट का इतना बड़ा टूर्नामेंट हो रहा है जिसमें भारत सहित दुनिया भर के कई बड़े देश हिस्सा ले रहे हैं। हालांकि, अमेरिका में अब तक विश्व कप का खुमार नहीं चढ़ा है और लोगों में इस टूर्नामेंट को लेकर उम्मीद के अनुरूप दिलचस्पी नहीं दिख रही है।
अमेरिका में ज्यादा लोकप्रिय नहीं है क्रिकेट
क्रिकेट 18वीं सदी में अमेरिका में मनोरंजन का एक लोकप्रिय माध्यम था लेकिन बेसबॉल की बढ़ती लोकप्रियता के बीच यह गुमनाम खेल की तरह हो गया। टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले इस बारे में काफी चर्चा हुई थी कि अमेरिका जहां बास्केटबॉल और रग्बी जैसे खेल काफी लोकप्रिय है इसके लिए क्रिकेट के प्रति दीवानगी किस तरह रहेगी। विश्व क्रिकेट पर आर्थिक भारत का दबदबा है लेकिन वैश्विक स्तर पर आईसीसी को अमेरिका के बाजार में बड़ी संभावनाएं दिखती है।
देश में पहले से ही तीन करोड़ प्रशंसक है
आईसीसी का दावा है कि इस विशाल देश में पहले से ही तीन करोड़ प्रशंसक हैं जो इस खेल को देखते हैं। हालांकि, अमेरिका में टी20 विश्व कप के अब तक दो मैच खेले गए, लेकिन प्रशंसकों में इस टूर्नामेंट को लेकर कोई खास जोश देखने नहीं मिला है। क्रिकेट के स्टेडियम भी उस कदर भरे हुए नजर नहीं आए हैं, जबकि बास्केटबॉल या डब्ल्यूडब्ल्यूई के लिए अमेरिका में गजब का क्रेज देखने मिलता है।
क्रिकेटरों को लेकर नहीं दिखी दिलचस्पी
आमतौर पर भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों में इंटरनेशनल क्रिकेटरों के लिए गजब की दीवनगी देखने मिलती है। विराट कोहली, रोहित शर्मा, डेविड वॉर्नर, जोस बटलर या कोई अन्य अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर जब सार्वजनिक जगहों पर जाता है तो उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठी हो जाती है। भारत में जब खिलाड़ी अभ्यास करने भी जाते हैं तो प्रशंसक भारी संख्या में स्टेडियम के बाहर मौजूद रहते हैं, लेकिन अमेरिका में अब तक ऐसा दृश्य नहीं देखने मिला।
नासाउ क्रिकेट स्टेडियम में कितनी भीड़
अमेरिका की राष्ट्रीय टीम में कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो उस देश के भी नहीं है। अमेरिका के लोग अब तक क्रिकेट को लेकर उतनी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। भारत और पाकिस्तान का मैच न्यूयॉर्क में होना है और यह देखना दिलचस्प रहेगा कि इस महामुकाबले के लिए कितने अमेरिकी स्टेडियम पहुंचते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच दुनिया में कहीं भी मैच होता है तो स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा रहता है और अब यह देखना होगा कि नासाउ क्रिकेट स्टेडियम में कितनी भीड़ पहुंचती है।
क्रिकेट विशेषज्ञ सुनील ने खड़े किए सवाल
अमेरिका में क्रिकेट के प्रति उम्मीद के अनुरूप दिलचस्पी नहीं देखकर क्रिकेट विशेषज्ञ और कमेंटेटर सुनील दोशी ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अपने सोशल अकाउंट पर लिखा, अमेरिका में विश्व कप का वैसा बुखार नहीं चढ़ा जैसा भारत में चढ़ता है। न ही खिलाड़ियों के साथ आम जनता का सितारों जैसा व्यवहार है। रोमांचक क्रिकेट की दावत ही यहां की फिजां में क्रिकेट फैला सकती है। फिलहाल बड़े सितारे अमेरिका की रेडीमेड नरम पिचों से तालमेल बैठाने की कोशिश कर रहे हैं।
अब तक छोटी टीमों के ही खेले गये मैच
टी20 विश्व कप की अभी महज शुरुआत ही हुई है और यहां छोटी टीमों के मैच ही खेले गए हैं। जब बड़ी टीमों के मैच होंगे तो स्टेडियम में दर्शकों की भारी भीड़ नजर आए और अमेरिका में टी20 विश्व कप का क्रेज बढ़े, लेकिन दो दिनों में ऐसा नहीं दिखा। अमेरिका के तीन स्थानों न्यूयॉर्क, डलास और लॉडरहिल में कुल 16 मैच खेले जाएंगे। टी20 विश्व कप में प्रतिस्पर्धा के तीसरे दिन दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के बीच खेले जाने वाला मैच अमेरिका में इस टूर्नामेंट का पहला बड़ा मुकाबला होगा।
आईसीसी ने अपनी ओर से किए प्रयास
आईसीसी अमेरिकी दर्शकों से जुड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, चाहे वह आठ बार के ओलंपिक स्वर्ण विजेता धावक उसेन बोल्ट को विश्व कप दूत के रूप में जोड़ना हो या मियामी में हाल ही में फॉर्मूला वन रेस के दौरान विश्व कप का प्रचार करना हो। बेसबॉल, एनएफएल और एनबीए की दुनिया से औसत अमेरिकी परिवार का ध्यान हटाने के लिए क्रिकेट को जमीनी स्तर पर विकसित करने की आवश्यकता होगी। आने वाले दिनों में स्पष्ट हो सकेगा कि अमेरिका में क्रिकेट लोकप्रिय हुआ।
भारत पांच जून को करेगा अभियान शुरु
भारतीय टीम ने अब तक विश्व कप में अपने अभियान की शुरुआत नहीं की है। रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम का पहला मुकाबला पांच जून को न्यूयॉर्क में आयरलैंड से होगा। टीम इंडिया ने अमेरिका में सिर्फ अब तक बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र अभ्यास मैच ही खेला है। उम्मीद है कि भारतीय टीम को अमेरिका में भी भरपूर समर्थन मिलेगा क्योंकि यहां कई प्रवासी भारतीय रहते हैं। भारत को ग्रुप चरण के सभी मैच अमेरिका में खेलने है जिसमें से तीन न्यूयॉर्क और एक लॉडरहिल में होना है।