लुधियाना में 2 साल की नाबालिग मासूम बच्ची दिलरोज के अपहरण और उसकी हत्या के मामले के आरोप में महिला को फांसी की सजा सुनाई है। बता दें कि ये 2021 में क्वालिटी रोड, शिमलापुरी लुधियाना की महिला नीलम को सुनाई है। महिला आरोपी ने बच्ची को ज़मीन में जिंदा दफना दिया था और दम घुटने से उसकी मौत हो गई थी।
वहीं मृतक बच्ची की मां और पित्ता काफी भावुक दिखे। उन्होंने कहा जो हमे चाहिए था वो मिल गया है। मृतक के पिता ने हाथ जोड़ कर कोर्ट का धन्यवाद करता हूं। सच्चाई की ही हमेशा जीत होती है। दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।
ट्रायल कोर्ट पर लोगों का बन रहा विश्वास
वहीं जज ने कहा कि कुछ गवाह लुधियाना से बाहर भी गए थे सभी को वापिस बुलाया गया था। ज्यूडिशियल ही सच फैसला ले सकता है। अब ट्रायल कोर्ट पर लोगों का विश्वास हो गया है। दोषी की तरफ से कहा कि मैं एक डिवोर्सी हूं, मुझे अपनी गलती का अहसास है।
दिलरोज के पुलिसकर्मी पिता हरप्रीत सिंह ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि वह अपने बच्चों के लिए बाजार से खिलौने वह चीज लेकर आता रहता था। नीलम का तलाक हो चुका था।
इसलिए वह अपने बच्चों के लिए यह सब नहीं ला पाती थी। इससे वह दिलरोज से रंजिश रखने लगी। इसके बाद एक दिन वह दिलरोज को स्कूटी पर बिठाकर ले गई और उसकी हत्या कर दी।
दादा के बयान पर मामला हुआ था दर्ज
जब कोर्ट ने महिला को दोषी ठहराया था तब अभियोजन पक्ष ने उसे मौत की सजा की मांग उठाई थी। जबकि, दोषी के वकील ने नरमी की मांग की। पीड़ित बच्ची के दादा शमिंदर सिंह के बयान के बाद 28 नवंबर, 2021 को शिमलापुरी थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
जिंदा दफना दिया था
शिकायतकर्ता के मुताबिक़ महिला आरोपन नीलम का चाल-चलन ठीक न होने के कारण उसका बेटा अपनी पत्नी को उससे मिलने से रोकता था,जिस कारण नीलम उसके बेटे से रंजिश रखने लगी व बदला लेने की नीयत से उसने उसकी पोती जो गली में खेल रही थी को बहला-फुसला कर अपने ऐक्टिवा पर बिठा लिया व उसे हुसैनपुरा के निकट एल्डिको एस्टेट के पास सड़क के किनारे एक सुनसान जगह पर ज़मीन खोदकर जिंदा दफ़ना दिया। जिससे दम घुटने से मासूम बच्ची की मृत्यु हो गई।
बाद में महिला को भी मोके पर पकड़ लिया गया था। कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने क़रीब 26 गवाह पेश किए व मामला सफलतापूर्वक साबित किया।