White liquid started coming out from 20 year old Neem tree, people arrived with pots that smelled like water : हरियाणा के जींद में एक गांव है खरकभूरा। यहां अचानक 20 साल पुराने नीम के पेड़ से बिल्कुल दूध जैसा सफेद तरल पदार्थ निकलने लगा। जैसे ही इसकी भनक लोगों को लगी वो लोटा लेकर वहां पहुंचे। उस तरल पदार्थ को घर ले जाने लगे तभी स्वास्थ्य विभाग की टीम तुरंत गांव में पहुंची। उन्होंने तरल पदार्थ का सैंपल लिया। साथ ही लोगों से अपील की कि वो इस तरल पदार्थ का गलती से भी सेवन न करें। यही नहीं, कुछ लोग को इसे चमत्कार मानकर नीम के पेड़ की पूजा करने लगे।
तरल पदार्थ नारियल के पानी की तरह हैं
यह तरल पदार्थ 20 दिन से लगातार निकल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ से निकलने वाला तरल पदार्थ नारियल के पानी की तरह हैं। वहीं, कुछ लोग इसे दूध बता रहे हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोग तो इस तरल को बोतलों में भरकर अपने घर भी लेकर जा रहे हैं। प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि जो सफेद तरल निकल रहा है उसका इस्तेमाल न करें।
जांच करने आई स्वास्थ्य विभाग की टीम
मंगलवार को स्वास्थ्य, वन, पंचायत एवं जन स्वास्थ्य विभाग की टीम नीम के पेड़ से निकल रहे पानी के निरीक्षण के लिए पहुंची। स्वास्थ्य विभाग उचाना से टीम में शामिल एमपीएचडब्ल्यू विक्रम श्योकंद ने बताया कि यह एक रासायनिक प्रक्रिया है। नीम के पेड़ से निकल रहे पानी में चमत्कार जैसी कोई बात नहीं है। ग्रामीण किसी प्रकार के अंधविश्वास में न पड़ें।
इस पदार्थ का उपयोग हो सकता है घातक
सरपंच प्रतिनिधि संजीव, कानूनगो रामबिलास ने इस बारे में लोगों को विस्तार से समझाया। वन राजिक अधिकारी ने बताया कि यह पेड़ों में फंगल इंफेक्शन जैसी एक बीमारी हैं। बिना किसी जांच के इस पानी का प्रयोग घातक हैं। यह पेड़ की झिल्ली फटने से हो सकता हैं जिस कारण पेड़ पानी अवशोषित नहीं कर पाता और ये पानी बाहर निकाल देता है।
बीमारी ठीक करने के लिए लोग कर रहे सेवन
कई लोगों ने सफेद तरल पदार्थ को चखा भी और उन्होंने बताया कि दूध की तरह दिख रहा ये पदार्थ नारियल के पानी की तरह लगता है। कई लोग इसे बाबा रथपूरी का चमत्कार बता रहे हैं। लोग इसका सेवन आस्था से जोड़ कर रहे हैं। कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए इसका सेवन कर रहे हैं। इसे लेकर लोगों की आस्था बढ़ रही है।