पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष का समापन हमेशा सर्वपितृ अमावस्या से होता है लेकिन इस बार इसकी तारीख को लेकर थोड़ा कन्फ्यूजन पैदा हो गया है, जिसके कारण कुछ लोगों का कहना है कि सर्वपितृ अमावस्या 13 अक्टूबर को है तो कुछ का मानना है कि अमावस्या 14 को है। सर्वपितृ अमावस्या को महालया अमावस्या, पितृ अमावस्या या पितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
तो आपको बता दें कि सर्वपितृ अमावस्या 14 अक्टूबर को आ रही है और इस दिन शनिवार होने से इसका मान और भी ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि ये शनिश्चरी अमावस्या हो गई है।
पितृ विसर्जनी अमावस्याा
आपको बता दें कि जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु तिथि पता नहीं होती है, वे इस अमावस्या पर उनका श्राद्ध, तर्पण करते हैं। इसके साथ ही ये पितृपक्ष का अंतिम दिन है इसलिए इसे पितृ विसर्जनी अमावस्याा भी बोलते हैं।
पिंडदान से पितरों की होती है नाराजगी दूर
ऐसी मान्यता है कि पृथ्वीलोक पर आए पूर्वज इस दिन अपने लोक वापस लौटते हैं इसलिए इस दिन घरों में लोग अपने पूर्वजों के मनपसंद भोजन बनाकर उन्हें खुश करने का प्रयास करते हैं, इसके साथ ही इसदिन श्राद्ध,तर्पण और पिंडदान इत्यादि से पितरों की नाराजगी भी दूर होती है। साथ में पितृ दोष और काल सर्प दोषों से भी मुक्ति मिलती है।
बता दें कि अमावस्या तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर को रात 9 बजकर 50 मिनट पर होगी लेकिन वैदिक धर्म में उदयातिथि मान्य होती है इसलिए अमावस्या तिथि 14 अक्टूबर को मानी जाएगी, इस तिथि का समापन 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट पर होगी और इसलिए इस साल श्राद्ध का मुहूर्त 3 भागों में बंटा है।
श्राद्ध का मुहूर्त
कुतुप मूहूर्त : 14 अक्टूबर को 11.44 AM से 12:30 PM
रौहिण मूहूर्त : 14 अक्टूबर को 12:30 PM से 1:16 PM
अपराह्न काल : 14 अक्टूबर को 1:16 PM से 3:35 PM
क्या करें इस दिन
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करें और और तर्पण-दूध, तिल, कुशा, पुष्प, पितरों को अर्पित करें। इसके साथ ही पूर्वजों का मनपसंद भोजन बनाकर उनके नाम पर दान करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं और पिंडदान करें।
शनिश्चरी अमावस्या
वैसे तो अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है, इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। लेकिन इस बार शनिश्चरी अमावस्या है इसलिए इस दिन शनिदेव की भी पूजा करें इससे जो लोग शनिपीड़ा से ग्रसित हैं उससे राहत मिल जाएगी।
सूर्य ग्रहण का क्या होगा असर
बता दें कि 14 तारीख को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण पड़ रहा है लेकिन ये इंडिया में प्रभावी नहीं है इसलिए अमावस्या की पूजा पर इसका कोई असर नहीं होगा।