इस समय पंजाब के लोगों पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। केंद्रीय भूजल बोर्ड की सलाना रिपोर्ट का जानकर पंजाब के लोगों के होश उड़ सकते हैं। इस रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले सैंपल भी मिले हैं। सैपलों के अनुसार,पंजाब के 30 फीसदी पानी के नमूनों में यूरेनियम की मात्रा ज्यादा पाई गई है। जानकारी के अनुसार, मालवा क्षेत्र में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पंजाब यूर्निवर्सिटी चंडीगढ़, बाबा फरीद सेंटर फॉर स्पेशल चिल्ड्रन, फरीदकोट और जर्मनी की माइक्रोट्रेस मिनरल लैब के द्वारा भी यूरेनियम की जांच की जा चुकी है।
22 गांवों के पानी में यूरेनियम की मात्रा ज्यादा
इन सभी रिपोर्टस के अनुसार, पानी के साथ-साथ खाने-पीने की चीजों में भी यूरेनियम की मात्रा मापदंडों से कई गुना ज्यादा है। इसके चलते मालवा क्षेत्र के लोग गंभीर बीमारियों से भी जूझ रहे हैं। बच्चों को विकलंगता, समय से पहले उनके बाल सफेद होना, लंबाई न बढ़ पाना जैसी समस्याओं से वो जूझ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पानी में यूरेनियम की सिर्फ 15 पार्ट्स प्रति बिलियन ही सुरक्षित है। वहीं बठिंडा के 22 गांवों के पानी में यूरेनियम की मात्रा इससे कई गुणा ज्यादा पाई गई है।
खाने-पीने की चीजों में भी मिला यूरेनियम
भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई की ओर से बठिंडा जिलों के 4 गांव करमगढ़ सतरां ढिलवां, ज्ञाना और घुद्दा के पानी में यूरेनियम होने का खुलासा किया है। इन गांवों में लोग 5 गुणा ज्यादा यूरेनियम वाला पानी पी रहे हैं। दूध, दाल और सब्जियों जैसी खाने-पीने की चीजों में भी यूरेनियम की मात्रा मिली है।
वैज्ञानिक निकालेंगे समस्या का हल
वैज्ञानिकों की 6 सदस्यीय कमेटी भी इस मामले में जांच करने के लिए बनाई गई है। इसको लेकर बठिंडा स्थित पंजाब सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने देश के शीर्ष संस्थानों के साथ बात भी की है। यह समिति पानी में मौजूद भारी धातुओं और यूरेनियम की मौजूदगी का समाधान करने की भी कोशिश करेगी।