यूपी में खुद को दिव्य ज्योति जागृत संस्थान (Divya Jyoti Jagrati Sansthan) के संस्थापक आशुतोष महाराज (ashutosh maharaj) शिष्य होने का दावा करके समाधि लेने वाली साध्वी को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है। शिष्यों ने शरीर को चंदन लेप किया हुआ है औऱ उन्हें एक कमरे में रखा गया है। उनके शरीर का रंग अब बदलने लगा है। डाक्टरों के मुताबिक शरीर में अब कोई हलचल नहीं है, जबकि आश्रम के लोगों का कहना है कि साध्वी समाधि में हैं।
साध्वी आशुतोषाम्वरी ने चौबीस दिन पहले समाधि से पहले वीडियो जारी कर कहा था कि आशुतोष महाराज ने उन्हें आंतरिक संदेश भेजा और कहा कि वह उन्हें समाधि से वापस ले आएं।
28 जनवरी को ली थी समाधि
लखनऊ स्थित आनंद आश्रम के प्रवक्ता महामंडलेश्वर बाबा महादेव के मुताबिक 28 जनवरी को सुबह 4:33 पर गुरु मां ने समाधि ली थी। उन्होंने समाधि में जाने से पहले कहा था कि वह अपने गुरु महाराज आशुतोष को उनके शरीर में वापस लाने के लिए समाधि ले रही हैं। जब तक वह गुरु को समाधि से निकालकर उनके शरीर में वापस नहीं ले आतीं, तब तक उनके शरीर की रक्षा की जाए। यही वजह है कि उनके पर पूरे शरीर पर लेप लगाकर रखा गया है। उनकी समाधि क तस्वीर भी सामने आई है।
आशुतोषाम्वरी का जन्म बिहार में हुआ था। दिल्ली में दक्षिणा हासिल की और दिल्ली में ही लंबे वक्त तक रहने के बाद आनंद आश्रम आ गईं। इसके बाद लखनऊ आकर प्रवचन देना शुरू कर दिया और लोगों को अध्यात्म से जोड़ा।
शिष्यों का दावा
आश्रम के शिष्यों का दावा है कि उनकी गुरु मां समाधि में चली गई हैं और जल्द ही वे समाधि से आएंगी ताकि वे आशुतोष महाराज को वापस ला सकें। आश्रम के ऊपर जिस कमरे में आशुतोषांबरी (Ashutoshambari) ने समाधि ली है, वहां तक जाने की मनाही है। उन्हें कंबल में रखा गया है और उनका मुंह ढका हुआ है। उनके शरीर पर चंदन का लेप किया गया है। लोग दूर खिड़की से साध्वी के दर्शन कर रहे हैं।
डाक्टरों ने कहा साध्वी कोमा में
CMO ऑफिस के आदेश पर लखनऊ के बीकेटी सीएचसी प्रभारी डॉ. जेपी सिंह के नेतृत्व में पहले दिन 4 सदस्यीय टीम आश्रम गई थी। साध्वी के पूरी शरीर की जांच की। डॉक्टर्स ने पाया साध्वी आशुतोषाम्वरी की पल्स नहीं चल रही है, न ही सांस चल रही है। बॉडी का कोई अंग भी काम नहीं कर रहा है। लेकिन जब उनकी ईसीजी की गई तो रिपोर्ट में हलचल दिखी। ग्राफ (स्टेटलाइन) हल्का ऊपर-नीचे हो रहा था।जेपी सिंह ने तब कहा था कि ऐसी स्थिति को हम कोमा कह सकते हैं। विज्ञान समाधि को नहीं मानता, विज्ञान के अनुसार, इसे कोमा कहा जा सकता है। साध्वी का ईईजी टेस्ट करवाने के लिए कहा गया है, जिससे क्लियर हो जाएगा कि उनका दिमाग काम कर रहा है या नहीं। इसके बाद ही उनकी स्थिति को लेकर कुछ कहना चाहिए।
साध्वी को लगातार देख रहे डाक्टर
साध्वी आशुतोषाम्वरी के समाधि लेने के बाद उनका पहला चेकअप 3 फरवरी को हुआ। कम्युनिटी हेल्थ सेंटर के प्रभारी डॉ. जेपी सिंह ने 5 लोगों की टीम को आश्रम भेजा था। साध्वी की ECG की गई, लेकिन मशीन में कोई रीडिंग नहीं आई।
सेवादारों ने प्राइवेट हॉस्पिटल से डॉक्टरों को बुलाया। 6 फरवरी को प्राइवेट हॉस्पिटल BKT से मेडिकल टीम जांच के लिए आश्रम आई। डॉ. आनंद शर्मा और नर्स विष्णुमति ने 45 मिनट तक साध्वी की जांच की। जांच में साध्वी का ब्लड प्रेशर और पल्स रिकॉर्ड में नहीं आया। हालांकि EEG जांच में दिमाग के कुछ हिस्से में वाइब्रेशन दिखा।
7 फरवरी को साध्वी का तीसरा मेडिकल चेकअप हुआ। इस बार उन्नति हॉस्पिटल के डॉक्टर शैलेंद्र सिंह ने चेकअप किया। आश्रम के सेवादारों का दावा है कि 28 जनवरी से अब तक 16 डॉक्टर गुरु मां को देखने आ चुके हैं। फिलहाल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर के डॉक्टरों की टीम साध्वी की हालत की मॉनिटरिंग कर रही है।
सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में दाखिल की है PIL
डॉ. स्वामी आदि शंकरानंद ने बताया था कि उन लोगों ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की है कि जो समाधि में उनकी गुरु मां गईं हैं, उनकी सुरक्षा का इंतजाम किया जाए। पहले दिन उन्होंने दावा किया था कि डॉक्टरों की टीम आई थी, उन्होंने जांच की है, गुरु मां आशुतोषांबरी (Ashutoshambari) की पल्स और हार्टबीट नहीं चल रही है। जब उन्होंने ईसीजी किया तो उनको हलचल महसूस हुई। अब हम लोगों ने मस्तिष्क की जांच के लिए प्रशासन से कहा है. जो डॉक्टर आए थे, उन्हें हमने नहीं बुलाया, उनको प्रशासन ने भेजा था।
महाराज दस साल से समाधि में
गौरतलब है कि दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज ने 28 जनवरी 2014 को समाधि ली थी। समाधि लेने से पहले उन्होंने भक्तों से कहा था कि वह शरीर में फिर से लौटकर आएंगे।