खबरिस्तान नेटवर्क। 1984 के सिख दंगों पर फिल्म आ रही है। इसका टाइटल है, सरकारी कत्ल -ए- आम 1984 । 1984 में सिखों के साथ जो हुआ वो कभी भुलाया नहीं जा सकता। सिख समुदाय से संबंध रखने वाले निर्माता निर्देशक विक्रम संधू ने उसी दर्द को बिग स्क्रीन पर प्रस्तुत करने की हिम्मत जुटाई है। 31 अक्टूबर को दिल्ली में इसका टीजर लॉन्च किया गया था।
इस फिल्म को विक्रम संधू प्रोड्यूस और डायरेक्ट कर रहे हैं, टीजर लॉन्च के अवसर पर उन्होंने कहा- 1984 के दंगों की बात सुनकर आज भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मैं भी सिख समुदाय से हूं। मेरे पूर्वजों ने भी उस दर्द को झेला है। मैंने बहुत पहले सोच लिया था कि इस सच्चाई को पर्दे पर एक दिन जरूर दिखाऊंगा। आज मैंने हिम्मत और हौसला बुलंद करके इसकी शुरुआत कर दी है।
क्यों हुआ था सिख दंगा?
31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की दो सिख बॉडीगार्ड्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद देश के कई हिस्सों में सिख-विरोधी दंगे भड़क उठे।
दिल्ली के त्रिलोकपुरी, सुल्तानपुरी, मंगोलपुरी, कल्याणपुरी, शाहदरा, गीता कॉलोनी और पालम में कत्लेआम हुआ। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस दंगे में करीब 2800 सिखों की हत्या हुई थी साथ ही कुछ अन्य धर्मों के लोग भी मारे गए थे।