ख़बरिस्तान नेटवर्क : श्री अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया गया है। इसमें पहलगाम और बालटाल दोनों रास्ते शामिल हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यह आदेश जारी किए हैं।
नए आदेशों के मुताबिक 1 जुलाई से लेकर 10 अगस्त तक ड्रोन, यूएवी और गुब्बारे के किसी भी तरह के प्लेन पर बैन लगाया गया है। हालांकि मेडिकल, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा बलों पर यह लागू नहीं होगा। अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है और 9 अगस्त को संपन्न होगी।
1 जुलाई से 10 अगस्त तक 'नो फ्लाइंग जोन' घोषित
आदेश में कहा गया है कि सभी हितधारकों ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य पर चर्चा की है और अतिरिक्त रसद प्रावधानों का प्रस्ताव दिया है। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी सलाह दी है कि श्री अमरनाथजी यात्रा के पूरे मार्ग को 1 जुलाई से 10 अगस्त तक 'नो फ्लाइंग जोन' घोषित किया जा सकता है।
चेहरे की पहचान करने वाली प्रणाली तैनात
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। सुरक्षा बलों ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए श्रीनगर बालटाल और पहलगाम मार्ग पर चेहरे की पहचान करने वाली प्रणाली (एफआरएस) तैनात की है।
एफआरएस निगरानी कैमरे के फीड से चेहरे की विशेषताओं का विश्लेषण करके और उन्हें एक केंद्रीकृत डेटाबेस से मिलान करके सक्रिय आतंकवादियों और संदिग्ध ओवरग्राउंड वर्करों सहित ब्लैक लिस्टेड व्यक्तियों की पहचान करता है। जब किसी चिह्नित व्यक्ति का पता चलता है, तो एक हूटर अलर्ट ट्रिगर करता है। यह सुरक्षा कर्मियों को तत्काल कार्रवाई करने और वास्तविक समय में खतरे को बेअसर करने में सक्षम बनाता है।
अमरनाथ यात्रा के हर रूट पर हजारों सीसीटीवी
इसके इलावा अमरनाथ यात्रा के हर रूट पर हजारों सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है। ये सभी बड़े बदलाव पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आतंक पर पूरी तारा से नकली कसने के लिए उठाए जा रहे हैं है।