Lord Shiva-Goddess Parvati Pradosh Vrat 2024 Puja Vidhi : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला ये व्रत भगवान शिव-पार्वती को समर्पित है। ये हिंदू धर्म का पवित्र पर्व है। माह का दूसरा प्रदोष व्रत 22 मार्च, 2024 को रखा जाएगा। इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। इस व्रत को करने के लिए कठोर नियम का पालन करना पड़ता है। इससे भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और हर तरह की सुख-सुविधाएं साधक को प्रदान करती हैं, इसलिए व्रत को नियमपूर्वक करना चाहिए. अगर आप इस व्रत को रखते हैं तो आइए जानते हैं इसका शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...
प्रदोष व्रत का शुभ मूहुर्त
उदयातिथि के अनुसार मार्च महीने का दूसरा प्रदोष व्रत फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 मार्च, 2024, शुक्रवार को रखा जाएगा। इसका शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर अगले दिन सुबह 06 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।
प्रदोष व्रत पर शिव पूजन मंत्र
1. महामृत्युंजय मंत्र
2. पंचाक्षरी मंत्र- ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।
शिव-पार्वती की पूजन विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। पूजा घर की अच्छी तरह साफ-सफाई करें। व्रती भगवान शिव के सामने व्रत का संकल्प लें। एक वेदी पर शिव परिवार यानी शिव-पार्वती, गणेश-कार्तिकेय जी की प्रतिमा स्थापित करें। पंचामृत से उनकी प्रतिमा को स्नान कराएं। कुमकुम और सफेद चंदन से तिलक कर देसी गाय के घी का दीया जलाएं।
पूजा में बेल पत्र और सफेद फूलों की माला शामिल करें। भगवान शिव-माता पार्वती को खीर का भोग लगाएं। प्रतिमा के सामने बैठकर पंचाक्षरी मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. अब प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें या सुनें। आरती कर महादेव से व्रत में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे। अगले दिन सुबह पूजा करने के बाद व्रत को खोलें।