नोबेल प्राइज 2024 के विजेताओं के नाम का ऐलान शुरू हो चुका है। फिजियोलॉजी की फील्ड में 2024 का नोबेल प्राइज अमेरिका के वैज्ञानिक विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन को मिला है। ये प्राइज उन्हें माइक्रो RNA की खोज के लिए दिया गया है।
जानिए क्या होता है RNA
माइक्रो RNA से पता चलता है कि शरीर में कोशिकाएं कैसे बनती और काम करती हैं। दोनों जीन वैज्ञानिकों ने 1993 में माइक्रो RNA की खोज की थी। इंसान का जीन DNA और RNA से बना होता है। माइक्रो RNA मूल RNA का हिस्सा होता है। ये पिछले 50 करोड़ सालों से बहुकोशिकीय जीवों के जीनोम में विकसित हुआ है। अब तक इंसानों में अलग-अलग तरह के माइक्रो RNA के एक हजार से ज्यादा जीन की खोज हो चुकी है।
कौन हैं साइंटिस्ट विक्टर एम्ब्रोस
विक्टर एम्ब्रोस का जन्म 1953 में अमेरिका में न्यू हैंपशायर के हनोवर में हुआ। उन्होंने 1979 में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), कैम्ब्रिज, एमए से पीएचडी प्राप्त की, जहां उन्होंने 1979-1985 तक पोस्टडॉक्टरल रिसर्च भी किया। वह 1985 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज, एमए में प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर रह चुके हैं। वह 1992-2007 तक डार्टमाउथ मेडिकल स्कूल में प्रोफेसर थे और अब वे यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स मेडिकल स्कूल, वॉर्सेस्टर, MA में नेचुरल साइंस के सिल्वरमैन प्रोफेसर हैं।
कौन हैं गैरी रुवकुन
गैरी रुवकुन का जन्म 1952 में अमेरिका के कैलिफोर्निया के बर्कले में हुआ था। उन्होंने 1982 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी प्राप्त की। वे 1982-1985 तक मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT), कैम्ब्रिज, एमए में पोस्टडॉक्टरल फेलो थे। वह 1985 में मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर बने जहां वे अब जेनेटिक्स के प्रोफेसर हैं।