शहीदी दिवस को ध्यान में रखते हुए साडा नाट घर में दर्शकों को इस हफ्ते कई बार छोटे साहिबजादों की शहादत को दर्शाने वाला नाटक "चांदनी चौक से सरहिंद" दिखाया गया। इस नाटक को गुरशरण सिंह ने लिखा और दलजीत सिंह सोना ने निर्देशन किया है। जहां दर्शकों को उनके इतिहास के बारे में जानकारी मिली, वहीं नाटक देखने के बाद सभी भावुक होते दिखे।
इस नाटक को माता-पिता ने विशेषकर अपने बच्चों को दिखाया। नाटक के साथ-साथ एक धार्मिक क्विज़ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसमें कई बच्चों ने सिख इतिहास के बारे में सही उत्तर देकर पुरस्कार जीते। 28 दिसंबर को इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वार्ड 41 के पार्षद मोहन सिंह माडीमेघा उपस्थित रहे, जिन्होंने साडा नाट घर की पहल की खूब सराहना की।
उनके साथ विशेष अतिथि के रूप में डॉ. सरबजीत सिंह भुल्लर, अमनदीप सिंह (अध्यक्ष खालसा ब्लड डोनेट सोसायटी) मौजूद रहे। सभी अतिथियों ने कहा कि यह नाटक अधिक से अधिक होना चाहिए और हर वार्ड में बच्चों के लिए इस नाटक का शो होना चाहिए।
इस अवसर पर आजाद भगत सिंह विरासत मंच ने गर्म दूध के लंगर का आयोजन किया और कार्यक्रम का समापन साडा नाट घर की जूनियर टीम के प्रदर्शन के साथ हुआ। साडा नाट घर की यह पहल दर्शकों के सहयोग से सफल रही। आगामी सोमवार 30 दिसंबर को ठीक शाम 5 बजे मुहम्मद रफी साहब के जीवन पर आधारित नाटक फीको प्रस्तुत किया जाएगा।