आज कल के लाइफ स्टाइल को देखते हुए बहुत से लोग स्वास्थ्य बीमा करवाते हैं। जिस लाभ उन्हें बीमार होने पर मिलता है। वहीँ अगर आप ये पालिसी अपनी युवा अवस्था में लेते हैं तो उसके और भी ज्यादा बेनिफिट मिलते हैं। लेकिन
अब पॉलिसीधारकों के लिए भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण यानि आईआरडीएआई ने अपने कुछ नियमों को बदला है। दरअसल नये नियम के तहत 65 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति भी हेल्थ इन्शयुरंस खरीद सकते हैं।
बता दें पहले बीमा कंपनियों को 65 साल की उम्र तक के व्यक्ति का स्वास्थ्य कवरेज नहीं करने की अनुमति थी। लेकिन नियमों में बदलाव करते हुए हेल्थ पॉलिसी खरीदने के लिए अधिकतम उम्र की शर्त को अब हटा दिया गया है।
बता दें अप्रैल 2024 में, IRDAI ने स्वास्थ्य बीमा नियमों में अपडेट कर पॉलिसीधारकों के लिए प्रतीक्षा अवधि को कम कर दिया गया है। संशोधन सभी नई नीतियों पर लागू किए जाएंगे और नवीनीकरण पर मौजूदा नीतियों पर भी मान्य होंगे।
अवधि को घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया
पुराने नियमों के हिसाब से मोरेटोरियम अवधि 8 साल थी। लेकिन अब इसे घटाकर 5 वर्ष किया गया है। मोरेटोरियम अवधि उस अवधि को संदर्भित करती है जिसके बाद कोई बीमाकर्ता धोखाधड़ी के अलावा अन्य कारणों से आपके दावे को अस्वीकार नहीं कर सकता है। अब 5 वर्षों के निरंतर कवरेज (पॉलिसी के बीच पोर्टेबिलिटी और माइग्रेशन सहित) के बाद, बीमाकर्ता गैर-प्रकटीकरण या गलत बयानी के आधार पर आपके दावे का विरोध नहीं कर सकता है।
बीमा कंपनी पॉलिसीधारक के दावे को अस्वीकार नहीं करेंगी
नये नियम में ये भी बदलाव किया गया है कि अगर कोई पॉलिसीधारक लगातार पांच वर्षों तक स्वास्थ्य पॉलिसी प्रीमियम का भुगतान समय से करता है, तो ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी पॉलिसीधारक के दावे को अस्वीकार नहीं करेगी क्योंकि उसने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी छिपाई है। आमतौर पर, बीमा कंपनियां मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अस्थमा जैसी पहले से मौजूद स्थितियों के बारे में जानकारी नहीं देने के आधार पर दावों को खारिज कर देती हैं, भले ही पॉलिसीधारक के अस्पताल में भर्ती होने का कारण कोई अन्य कारण हो। बीमा कंपनियां न सिर्फ क्लेम खारिज कर देती हैं बल्कि खुलासा न करने का हवाला देकर पॉलिसी भी रद्द कर देती हैं। लेकिन नए नियमों के हिसाब से अगर आपने 5 साल तक प्रीमियम का भुगतान किया है तो बीमा कंपनी को आपको सेवा देनी ही होगी।