Risk of many diseases, immunity may become weak : सर्दी अपने साथ कम तापमान ही नहीं बल्कि बहुत कुछ लेकर आती है। इस मौसम में कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वालों को ज्यादा रिस्क होता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि तापमान में गिरावट आने का असर इम्यूनिटी पर पड़ता है। इससे इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है, जिससे शरीर में किसी भी बैक्टीरिया और वायरस का अटैक आसानी से हो जाता है। इस मौसम में सूरज की रोशनी कम मिलती है। इससे विटामिन डी का लेवल कम हो सकता है जो बीमारियों का कारण बनता है।
जरा हल्के में नहीं लेना चाहिए
सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टर अजय अग्रवाल बताते हैं कि इस मौसम में अगर किसी व्यक्ति को बुखार, ठंड लगना, शरीर में दर्द, थकान और सांस संबंधी समस्याएं हो रही हैं तो इनको हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत इलाज कराना चाहिए। डॉ अजय बताते हैं कि इस मौसम में न्यूमोनिया, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस, अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का खतरा अधिक रहता है।
किन लोगों को है ज्यादा खतरा
इस मौसम में सांस की बीमारियों का खतरा रहता है। इम्यूनिटी कमजोर है जैसे की बुजुर्ग और छोटे बच्चों को रिस्क ज्यादा होता है। ऐसे में इन लोगों की सेहत का खास ध्यान रखने की जरूरत है। सुबह और शाम को बाहर निकलने से बचें। सिर को कवर रखें। अगर प्रदूषण ज्यादा है तो मास्क लगाकर बाहर निकलें। खानपान का ध्यान रखें। शरीर को हाइड्रेट रखें और फास्ट फूड खाने से परहेज करें। सुबह या शाम बाहर एक्सरसाइज न करें और लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें
डॉ अजय कहते हैं कि इस मौसम में होने वाली अधिकतर बीमारियां बैक्टीरिया के कारण होती हैं। इनमें लंग्स में इंफेक्शन होता है। अगर समय पर इलाज न हो तो ये मौत का कारण भी बन सकती हैं। इन बीमारियों के कारण कुछ गंभीर लक्षण भी दिखते हैं जैसे की तेज़ बुखार, सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई और लगातार खांसी। इन लक्षणों को आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। देरी करने से ये बीमारियां घातक बन सकती है।