ख़बरिस्तान नेटवर्क : तरनतारन से लगातार तीन बार विधायक रहे हरमीत सिंह संधू आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। हाल ही में उन्होंने शिरोमणि अकाली दल को अपना इस्तीफा दिया था। जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि वह आप या फिर कांग्रेस में जा सकते हैं।
पूर्व सांसद सुरिंदर सिंह कैरों के परिवार से जुड़कर तरनतारन की सरगर्म राजनीति का हिस्सा बने हरमीत सिंह संधू ने वर्ष 2002 में आजाद तौर पर चुनाव लड़ा था। उस समय शिअद ने तरनतारन से अलविंदर पाल सिंह पक्खोके को टिकट दिया था, जबकि संधू टिकट पर दावा जताते रहे। टिकट न मिलने पर संधू ने सुरिंदर सिंह कैरों का सियासी थापड़ा लेकर तरनतारन से आजाद तौर पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज करवाई थी।
2007 में शिअद ने उनको टिकट दिया। संधू ने जीत दर्ज करवाई तो उन्हें गठबंधन की सरकार में सीपीएस बनाया गया। 2012 में संधू ने तीसरी बार विधायक का चुनाव जीता और सरकार में सीपीएस बने।
शिअद के महासचिव की निभा रहे थे जिम्मेदारी
पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के गुट से संबंधित हरमीत सिंह संधू शिअद के महासचिव की जिम्मेदारी निभा रहे थे। तरनतारन में उनका अच्छा असर रसूख है।
हालांकि 2017 में वह कांग्रेस के धर्मवीर सिंह अग्निहोत्री से चुनाव हार गए थे, जबकि 2022 में हरमीत सिंह संधू पर शिअद ने दोबारा दांव खेला, परंतु इस चुनाव में संधू आप के डॉ. कश्मीर सिंह सोहल के हाथों चुनाव हार गए थे। लगातार तीन बार जीत दर्ज करवाने वाले हरमीत सिंह संधू लगातार दो विधानसभा चुनाव हारे। चुनाव हारने के बाद उन्होंने सियासी तौर पर सरगर्मी काफी धीमी कर दी।