दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा को देश से लेकर विदेश तक हर कोई जानता है , उनका नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। रतन टाटा का निधन बुधवार, 9 अक्टूबर 2024 की रात को मुंबई के अस्पताल में हुआ । उन्होंने 86 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।
रतन टाटा की शख्सियत देखें तो वो सिर्फ एक बिजनेसमैन ही नहीं, बल्कि एक सादगी से भरे नेक और दरियादिल इंसान, लोगों के लिए आदर्श और प्रेरणास्रोत भी थे। इसके साथ ही रतन को कुत्तों से बुहत लगाव था। उनके पास दो जर्मन शैफर्ड कुत्ते थे जिनका नाम टीटो और टैंगो था वो इनसे बेइंतहा प्यार करते थे।
असिस्टेंट बनकर शुरू किया था करियर
रतन टाटा 1962 में टाटा इंडस्ट्रीज में Assistant के रूप में टाटा ग्रुप में शामिल हुए थे। बाद में उसी साल टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (जिसे अब टाटा मोटर्स कहा जाता है) के जमशेदपुर संयंत्र में छह महीने की ट्रेनिंग ली। साथ ही अलग अलग कंपनियों में सेवा देने के बाद उन्हें 1971 में नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी का प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया। 1981 में, उन्हें समूह की अन्य होल्डिंग कंपनी टाटा इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे
रतन टाटा 1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे। इस दौरान उन्होंने बिजनेस सेक्टर में कई कीर्तिमान स्थापित करते हुए देश के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में से एक टाटा समूह को बुलंदियों तक पहुंचाया। इसके साथ ही उन्होंने टाटा को इंटरनेशनल ब्रांड बना दिया।
1937 में हुआ था जन्म
टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर हुआ था। उन्होंने 1962 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद 1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडवांस मैनेजमेंट कार्यक्रम पूरा किया। उनके पिता नवल टाटा एक सफल बिजनेसमैन थे और उन्होंने टाटा समूह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वहीं रतन टाटा की मां सोनी टाटा एक गृहिणी थीं।
देश को दिए नमक से लेकर नैनो कार जैसे प्रोडक्ट
आज देश के घर-घर में टाटा का प्रोडक्ट इस्तेमाल किया जाता है, चाहे अपर क्लास क्लास हो या लोअर या फिर मिडिल क्लास। रतन टाटा का टाटा ग्रुप सबके लिए कोई न कोई प्रोडक्ट लेकर आया। टाटा की कंपनी ने नमक से लेकर स्टील प्लांट नैनो कार और एयरलाइंस जैसे कई प्रोडक्ट देश को दिए हैं।
साल 1983 में देश में पहली बार लाया गया आयोडीन वाला टाटा नमक का पैकेट आज हर घर में अपनी जगह बना चुका है। इसके साथ ही साल 2008 में रतन टाटा की कंपनी ने दुनिया की सबसे सस्ती कार Nano Car को लॉन्च किया। जिसकी कीमत सिर्फ एक लाख रुपए की ये कार आम आदमी के बजट की थी और लोगों ने काफी पसंद किया. इस कार के जरिये रतन टाटा ने हर आम आदमी का सपना पूरा कर दिया.हालांकि, कम बिक्री के कारण कंपनी ने 2018 में इसका उत्पादन बंद कर दिया।
इन दिग्गज ब्रांड्स का मालिक है टाटा ग्रुप
टाटा ग्रुप (Tata Group companies) कई दिग्गज ब्रांड्स का मालिक है। टाटा ग्रुप के प्रमुख ब्रांड्स में एयर इंडिया, टीसीएस, टाटा मोटर्स, टाटा नमक, टाटा चाय, जगुआर लैंड रोवर, टाइटन, फास्ट्रैक,तनिष्क, स्टारबक्स, वोल्टास, ज़ारा, वेस्टसाइड ,कल्टफिट,टाटा एआईजी, टाटा एआईए लाइफ, टाटा प्ले,टाटा वनएमजी और टाटा कैपिटल जैसे नाम शामिल हैं।
रतन टाटा के प्रमुख पुरस्कार और सम्मान:
- 1. पद्म विभूषण (2008)
- 2. पद्म भूषण (2000)
- 3. ऑनररी नाइट कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (2009)
- 4. इंटरनेशनल हेरिटेज फाउंडेशन का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (2012)
इन बड़ी कंपनियों का किया अधिग्रहण
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रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने ब्रिटिश कंपनी टेटली का अधिग्रहण साल 2000 में, यूरोपी की दूसरी सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी कोरस का 2007 में और ब्रिटिश कार कंपनी जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण 2008 में किया था।
कुत्तों के बीमार पड़ने पर प्रिंस चार्ल्स से अवार्ड लेने नहीं गए
साल 2018 में प्रिंस चार्ल्स रतन टाटा को बकिंघम पैलेस में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के लिए बुलाया। पर रतन टाटा ने अपने डॉग्स कुत्तों टैंगो और टीटो के बीमार होने के कारण अवॉर्ड फंक्शन में नहीं गए। जब यह बात प्रिंस चार्ल्स को पता चली तो उन्होंने कहा कि यही एक इंसान की सबसे बड़ी खूबी है, जो टाटा में है।