खबरिस्तान नेटवर्क: वंदे भारत ट्रेनों में खाने की खराब क्वालिटी के चलते लोगों को कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अब खाने की क्वालिटी को सुधारने के लिए रेलवे की ओर से अहम कदम उठाए जा रहे हैं। इसके चलते विभाग की ओर से वंदे भारत ट्रेनों के अलावा वी.आई.पी. ट्रेनों में खाना परोसने की जिम्मेदारी विदेशी कॉर्पोरेट कंपनियों को देने की तैयारी की जा रही है। प्रोजेक्ट की सफलता और यात्रियों की फीडबैक के आधार पर ही इसकी शुरुआत 136 अन्य वंदे भारत ट्रेनों में की जाएगी।
खास कैटरिंग कंपनियों की दी गई जिम्मेदारी
सामने आई जानकारी की मानें तो इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत विभाग की ओर से कैटरिंग क्षेत्र में खास ध्यान रखने वाली फ्रांस की एलीऔर कैटरिंग कंपनी को दी गई है। यह कंपनी 10 प्रमुख देशों में कैटरिंग का काम कर रही है। इसके लिए यात्रियों से कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं लिया जाएगा। विभाग की ओर से क्वालिटी को देखते हुए पहली बार किसी विदेशी कंपनी की सेवाएं ली जा रही हैं। रेल विभाग के अधिकारियों की मानें तो इन सैमी हाईस्पीड ट्रेनों में खाने-पीने को लेकर मिल रही शिकायतों को लेकर कई बार तबदीलियां भी की गई है लेकिन फिर भी शिकायतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही। बार-बार ताजा खाना न मिले, खाने में से बदबू आने, ज्यादा चार्ज करने और लेट खाना देने जैसी शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे में इसके चलते रेलवे बोर्ड की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया था जिन्होंने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की है।
खाने की क्वालिटी में होगा सुधार
ऐसा माना जा रहा है कि विदेशी कंपनियों की ओर से कैटरिंग सेवा से खाने की क्वालिटी में सुधार होगा। फिलहाल वंदे भारत में ही खाने की क्वालिटी को स्वाद करने के लिए यह प्रोजेक्ट शुरु किया जा रहा है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो रेलवे में कैटरिंग उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी का सबसे ज्यादा हिस्सा एक ही कंपनी के पास है लेकिन लगातार खाने को लेकर मिल रही शिकायतों को दूर करने के लिए रेलवे बोर्ड की ओर से कई बार नीतियों में बदलाव करते हुए सुधार करने की कोशिश भी की गई है।