लुधियाना के समराला में बायोगैस प्लांटों के विरोध में 10 सितंबर को दिल्ली-जम्मू नेशनल हाईवे जाम करने का ऐलान किया गया है। गांव मुस्काबाद में गठित बायोगैस प्लांट विरोधी एक्शन कमेटी ने साफ किया है कि वह हर हाल में कल गांव बीजा में 10 बजे से लेकर तालमेल कमेटी के फैसले तक हाईवे जाम करेंगे।
45 बायो गैस का हो रहा विरोध
जानकारी के मुताबिक, पंजाब भर के लगभग 45 बायो गैस प्लांटों के विरोध में डटे 20 हजार से ज्यादा व्यक्ति इस जाम में शामिल होंगे। बायोगैस प्लांटों के विरोध में संघर्ष कर रहे ग्रामीणों की ओर से बनाई गई पंजाब स्तरीय तालमेल कमेटी ने ये ऐलान किया है।
किसानों के साथ मिलकर करेंगे जाम
आपको बता दें कि समराला के नजदीक गांव मुस्काबाद में लग रहे बायोगैस के विरोध में पिछले 4 महीने से भी ज्यादा समय से धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने बताया कि मुस्काबाग के अलावा भूंदड़ी, अखाड़ा, भोगपुर और ककराला और गांव के लोग पंजाब भर किसानों और अन्य जत्थेबंदियों के साथ दिल्ली-जम्मू नेशनल हाईवे जाम करेंगे।
क्यों हो रहा विरोध ?
समराला के पास गांव मुस्काबाद में बायोगैस प्लांट लग रहा है, जिसके ख़िलाफ़ बायोगैस प्लांट विरोधी एक्शन कमेटी ने विरोध कर रही है। बायोगैस एक जैविक प्रक्रिया से बनती है। इसमें मुख्य रूप से मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड होता है। बायोगैस प्लांट में कचरे को स्थायी ऊर्जा और उर्वरकों में बदला जाता है। इससे पर्यावरण पर सकारात्मक असर पड़ता है।
क्या है बायोगैस प्लांट
बायोगैस प्लांट, जैविक कचरे और बायोमास से बायोगैस बनाने का एक प्लांट है। बायोगैस प्लांट में अवायवीय पाचन की प्रक्रिया को आर्टिफिशयल रूप से दोहराकर बायोगैस का उत्पादन किया जाता है। बायोगैस प्लांट से मिलने वाली गैस का इस्तेमाल कई कामों में किया जा सकता है:-
- बायोगैस से भोजन पकाया और रोशनी की जा सकती है।
- बायोगैस से चलने वाले द्विईंधनीय इंजन से पेट्रोल और डीज़ल की बचत की जा सकती है।
- बायोगैस से बिजली पैदा की जा सकती है।
- बायोगैस से कूएं से पानी निकाला जा सकता है।
- बायोगैस प्लांट से निकलने वाला डाइजेस्टेड घोल कार्बनिक खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- बायोगैस से ग्रीन हाउस गैसों को नियंत्रित किया जा सकता है।