जालंधर, भाजपा पहली बार पंजाब में अकेले 13 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ रही है। ऐसे में भाजपा के प्रत्याशियों की चुनावी कैंपेन को तेज करने और पंजाब में भाजपा के हक में मुहिम बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब आएंगे। प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने प्रधानमंत्री की रैलियों के लिए पत्र लिखकर समय मांगा है।
यह चुनाव रैलियां और प्रोग्राम जालंधर, लुधियाना और बटाला में करवाने को लेकर प्लान किया जा रहा है। जिसके लिए प्रदेश भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी समय मांगा गया है। पंजाब भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा है कि थोड़ा सा समय पंजाब को भी दे, ताकि चुनावी मुहिम को तेज किया जा सकें। जाखड़ ने पत्र में लिखा है कि आपकी सुविधा अनुसार ठहरने की व्यवस्था लुधियाना में ही कर दी जाएगी।
मोदी और योगी के आने से बनेगा वेब
पंजाब में भाजपा की राह आसान नहीं है। जगह-जगह पर भाजपा प्रत्याशियों का किसान की तरफ से विरोध किया जा रहा है। गांवों में भाजपा के प्रत्याशियों को घुसने नहीं दिया जा रहा है। ऐसा में अगर इन प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद आते हैं तो इससे पंजाब में भाजपा के हक में वेब बनेगी। मोदी के आने से हिंदू वोट एकजुट होगा और भाजपा को इसका फायदा मिलेगा।
40 स्टार कैंपेनर आएंगे पंजाब
भाजपा ने दो दिन पहले ही पंजाब में लोकसभा चुनाव को लेकर स्टार कैंपेनरों की लिस्टा जारी की है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 40 लोगों के नाम शामिल हैं। भाजपा की तरफ से इन सभी नेताओं को पंजाब में प्रत्याशियों की सुविधा के अनुसार बुलाया जाना है। इस सूची में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नाम भी शामिल हैं। भाजपा अपनी चुनाव कैंपेन में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है।
सीएम चन्नी के समय हुई थी PM दौरे में सुरक्षा चूक
मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी की अगवाई वाली कांग्रेस सरकार में साल 2022 में 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब आए थे, लेकिन तब उनकी सुरक्षा में चूक हुई थी। उस समय मौसम में खराबी के चलते PM बठिंडा एयरपोर्ट से सड़क के रास्ते फिरोजपुर के लिए रवाना हुए थे।
इसी बीच प्रदर्शनकारियों के चक्का जाम कर मोदी के काफिले को रोक दिया था। उनका काफिला 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा। यहां काफिला फंसा था, वह एरिया सीधे पाकिस्तान की रेंज में आता था। इसके बाद वह वापस लौट गए थे। फिर केंद्र और पंजाब सरकार के बीच काफी समय तक माहौल गर्माया रहा था। इस मामले की कई स्तर पर जांच हुई, साथ ही कई अधिकारियों पर गाज तक भी गिरी थी।