ख़बरिस्तान नेटवर्क : जालंधर पुलिस कमिशन दफ्तर के बाहर ओके फैक्ट्री के कर्मचारियों की तरफ से प्रदर्शन किया गया। जहां कर्मचारियों ने प्रोक्सिमा फैक्ट्रियों पर आरोप लगाए हैं कि ओके फैक्ट्री के कर्मचारियों ने मारपीट की है। जिसके बाद से उन्हें फैक्ट्री से निकाल दिया। इसी मामले को लेकर कर्मचारियों ने पुलिस कमिश्नर के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया गया है।
कर्मचारियों का कहना है कि हमारा प्रोक्सिमा कंपनी के साथ कोर्ट में केस चल रहा है, जहां कोर्ट ने 6 सिंतबर तक फैक्ट्री खाली करने का समय दिया था, लेकिन प्रोक्सिमा फैक्ट्री के मालिक ने खाकी वर्दी में कुछ लोगों को ओके फैक्ट्री में भेजकर कर्मियों के साथ मारपीट की और धक्के मारकर फैक्ट्री से बाहर निकाल दिया गया।
ओके फैक्ट्री की कर्मचारी पलक ने कहा कि वह ओके फैक्ट्री में काम करती है। 10 तारीख को खाकी वर्दी में 100 से अधिक लोग आए और फैक्टरी के कर्मियों में महिलाओं और पुरुषों को धक्के मारकर बाहर निकाल दिया। पहले लगा कि पुलिस अधिकारी है, लेकिन बाद में पता चला कि वह प्रोक्सिमा फैक्ट्री के सिक्योरिटी वाले थे।
पलक का आरोप है कि इस घटना के बाद फैक्ट्री के अंदर खाकी वर्दी में आए 30 लोग बैठ गए और फैक्ट्री को ताला लगा दिया। अगर कोई बात है कि वह सीनियर अधिकारियों की बात है, लेकिन इसमें कर्मियों के साथ धक्केशाही करना निंदनीय है। 3 दिन से वह प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाई है, लेकिन कोई सुनवाई ना होने के बाद आज वह पुलिस कमिश्नर दफ्तर पहुंचे है।
वहीं शरद अग्रवाल ने कहा कि उनके ओके फैक्ट्री को किसी पार्टी को बेच दिया गया है। इस फैक्ट्री की राजिस्ट्री करवा दी गई है, लेकिन फैक्ट्री में 200 से अधिक कर्मी फैक्ट्री में काम कर रहे थे। इस दौरान प्रोक्सिमा फैक्ट्री के कुछ बाउंसर आए और कर्मचारियों के साथ मारपीट की और काम को बंद करवा दिया गया। इस मामले को लेकर आज प्रशासन से बात की गई।
शरद ने कहा कि जगह को बेच दिया है, लेकिन अभी कब्जा नहीं दिया है। 6 सिंतबर को फैक्ट्री को खाली किया जाना था, लेकिन उससे पहले यह घटना हो गई। जहां पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर ने कहा कि कर्मियों के बयान दर्ज करके मामले की जांच की जा रही है। जिसके बाद घटना में बनती कार्रवाई की जाएगी।