पंजाबी यूट्यूबर लड़कियों के सोशल मीडिया वायरल न्यूड वीडियो के शार्ट्स आपने भी देखे होंगे, जिसमें वायस ओवर लगा होता है चन्नो आ गई...। पिछले कुछ समय से ये ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। एक फेसबुक पेज पर ही ऐसी वीडियो नजर आती हैं।
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आज हम आपको बता रहे हैं कि वीडियो कैसे वायरल किए जाते हैं। आजकल साउथ की एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना की भी ऐसा ही एक वीडियो वायरल है। ये सब तकनीक के दुरुपयोग का नतीजा है और इस तकनीक का नाम है Deep fake.
Deep fake का यूज फिल्मों में होता रहा है। Deep fake के जरिए किसी दूसरे वीडियो या कॉन्टेंट में आपको प्लेस किया जा सकता है। बोलेंगे आप लेकिन शब्द किसी और के होंगे। चेहरा और शरीर भी किसी और का होगा, मगर सबसे खतरनाक इसमें चेहरा आपका ही होगा।
इसमें असली नकली में फर्क करना मुश्किल होता है। इसी तकनीक का इस्तेमाल कर किसी भी पोर्न वीडियो पर किसी का भी फेस लगा दिया जाता है। ऐसे ही पंजाब की एक टॉप सिंगर की वीडियो भी सोशल मीडिया पर शार्ट्स में नज़र आती है। अमृतसर की एक यू ट्यूबर की वीडियो भी इसी कड़ी का हिस्सा है।
पंजाबी फीमेल सिंगर का फेस लगाया
पंजाब की एक फीमेल सिंगर का एक Deep fake वीडियो किसी पोर्नस्टार का वीडियो है, जिसे एडिट करके इसमें सिंगर का चेहरा लगा दिया गया है। इसी तरह साउथ फिल्मों की एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना की वीडियो भी बीते कल से वायरल है।
इस वीडियो के वायरल होते ही Deep fake की भी चर्चा शुरू हो गई है, क्योंकि ये वीडियो किसी भी सभ्य समाज के लिए खतरनाक है। ध्यान से देखने पर पता चल जाता है कि वीडियो में कुछ झोल है। ऐसे वीडियो जिसमें मूवमेंट कम हो उनका पकड़ा जाना मुश्किल होता है और ज्यादातर पंजाब की वायरल वीडियो में कुछ ऐसा ही है, जहां सिर्फ चेहरा दिखाया जाता है
Deep fake से पिछले कुछ सालों में कई क्राईम हो चुके हैं। मगर साईबर वर्ल्ड के इस क्राईम को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का ऐक्सेस आसान होने के बाद ये हथियार अब अचूक अस्त्र बन गया है। इससे धड़ल्ले से लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है और खास बात ये कि इसकी कहीं कोई शिकायत और कोई सुनवाई नहीं है।
क्या है ये Deepfake?
Deepfake टर्म Deep Learning से निकला है। Machine Learning का एक हिस्सा है Deep learning। नाम में Deep लगा है जिसके मतलब मल्टीपल लेयर्स होता है और ये आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क पर बेस्ड होता है। इस एल्गोरिदम में काफी डेटा एंटर करके फेक कॉन्टेंट को असली में बदल दिया जाता है।
प्ले स्टोर पर कई Deepfake एप्स एवेलेबल हैं। ये ऐप Deepfake बनाने का दावा नहीं करते हैं, लेकिन ये ऐप फोटोज का एक्स्प्रेशन बदलना, किसी का चेहरा हटा कर दूसरा लगाना, बॉडी शेप चेंज करने से लेकर किसी वीडियो कॉन्टेंट में किसी दूसरे शख्स की आवाज तक लगाई जा सकती है।
पोप की फोटो भी हुई थी वायरल?
आपने फ्लफी जैकेट में पोप की वीडियो देखी होगी, वो भी डीप फेक से ही बनी थी। पीएम मोदी के ऐसे वीडियो सुने होंगे, जिसमें वो गा रहे है या ट्रंप और ओबामा के वीडियो देखे होंगे। ये सारे डीप फेक की पैदाईश हैं।
इन ऐप्स को कोई भी डाउनलोड करके किसी की वीडियो के साथ वो काम किया जा सकता है जो पंजाबी सैलिब्रिटीज या रश्मिका मंदाना के वीडियो के साथ हुआ है। यानी वीडियो में बॉडी किसी और की और चेहरा किसी और का है।
Deepfake कैसे बनाए जाते हैं?
सबसे पहले जिसका वीडियो बनाना है उसके असली फ़ोटोज़ और वीडियोज Deepfake टूल में डाला जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI इन फ़ोटोज और वीडियोज को एनालइज करता है।
Deepfake में किसी भी तस्वीर, वीडियो और ऑडियो को मैनिपुलेट या छेड़छाड़ करके उसे बिल्कुल अलग बनाया जा सकता है। किसी लीडर या सेलिब्रिटी के स्पीच को उठा कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड टूल के ज़रिए पूरी स्पीच बदली जा सकती है। आपको लगेगा कि स्पीच असली है, लेकिन आप भ्रम में पड़ जाएंगे।
इसके लिए चेहरे और हावभाव को पढ़ कर अलग अलग जगहों पर उस लीडर द्वारा दी गई स्पीच को इकठ्ठा किया जाता है। इसके बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड टूल के ज़रिए इसे ट्रीट किया जाता है।
उस लीडर या सेलिब्रिटी की आवाज़ को लेकर उसे अलग अलग हिस्सों में बांटा जाता है और फिर उसे अपने हिसाब से कॉन्टेक्स्ट देने के लिए मिला कर लिप सिंक कर दिया जाता है। देखने में ऐसा लगता है कि वो लीडर या सेलिब्रिटी अपनी स्पीच में वही कह रहा है जो आप देख रहे हैं।