Nine benefits of waking up on Brahmamuhurta are being told, after knowing this you will not sleep till late : ब्राह्ममुहूर्त पर उठने से शारीरिक और मानसिक लाभ होते हैं, जो न केवल हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं बल्कि आत्मिक उन्नति भी करते हैं। सर्वप्रथम हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि 'ब्राह्ममुहूर्त' शब्द सही है, न कि 'ब्रह्ममुहूर्त'। यह समय सुबह 3:45 से 5:30 के बीच होता है, लगभग डेढ़ घंटे का। इसे रात का चौथा प्रहर या उत्तररात्रि भी कहा जाता है। इस समय में कई ऐसी घटनाएँ होती हैं जो हमें दिनभर के काम के लिए ऊर्जा प्रदान करती हैं।
ब्रह्म मुहूर्त का वेद में महत्व
ऋग्वेद में कहा गया है कि - प्राप्त रत्नं प्रातरित्वा दधाति तम चिकित्वान्प्रतिगृह्य नि धत्ते। तेन पेजं वर्ध्यमान आयु रायस्पोषेण सचते सुवीरः अर्थात जो व्यक्ति सुबह सूर्योदय से पहले उठता है उसे अच्छे स्वास्थ्य का रत्न प्राप्त होता है, इसलिए जो व्यक्ति सुबह जल्दी उठता है। वह बलवान, स्वस्थ, बलवान, सुखी, दीर्घायु और वीर होता है। इस मुहूर्त पर उठने से हम एक साथ नौ फायदे प्राप्त कर सकते हैं। आइए देखें कैसे...
पहला फायदा
इस समय ओजोन में मानव श्वसन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की उच्च मात्रा होती है। इस समय उठकर यदि हम दाहिने नथुने से गहरी श्वास लेते हैं, तो रक्त की शुद्धि होती है। रक्त में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है, जिससे हिमोग्लोबिन सुधारता है और 90% बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
दूसरा फायदा
इस समय प्रकाश मंद होता है। यदि हम सुबह उठते ही तेज प्रकाश देखते हैं, तो हमारी आंखों पर असर पड़ सकता है और कुछ समय के लिए हमें दिखाई नहीं देता। बार-बार ऐसा होने पर आंखों की समस्याएं हो सकती हैं और दृष्टि कमजोर हो सकती है। इससे बचने के लिए इस समय उठना चाहिए जब हल्की रोशनी हो।
तीसरा फायदा
इस समय वायुतत्व अधिक सक्रिय होता है और मानव शरीर में अपानवायु सक्रिय रहता है। अपानवायु मलत्याग और शरीर की शुद्धि का कार्य करता है। इस समय मलत्याग के समय यदि जोर लगाया जाए तो बवासीर जैसी समस्याएं हो सकती हैं इसलिए इस समय मलत्याग करना फायदेमंद होता है और शरीर शुद्ध रहता है।
चौथा फायदा
शरीर में रातभर जमा हुई गंदगी नौ द्वारों से बाहर निकलती है। इन नौ द्वारों में दो आंखें, दो नथुने, दो कान, एक मुँह, एक गुदा और एक लिंगद्वार शामिल हैं। रात के समय शरीर में गंदगी जमा होती है, जिसमें बैक्टीरिया और विषाणु होते हैं। सूरज की किरणें इन बैक्टीरिया को बढ़ा सकती हैं, जिससे हम बीमार हो सकते हैं।
पाँचवाँ फायदा
यदि सूर्योदय से पहले ब्राह्ममुहूर्त में स्नान किया जाए तो त्वचा के रोमछिद्र खुल जाते हैं। इससे शुद्ध हवा शरीर में समाती है और सभी अंगों को ताजगी मिलती है, जिससे पूरे शरीर को दिनभर के काम के लिए ऊर्जा मिलती है।
छठा फायदा
इस समय मस्तिष्क के स्मरण केंद्र और अन्य शक्तिकेंद्र सक्रिय होते हैं। इस समय अध्ययन करने से जानकारी बेहतर तरीके से याद रहती है। इसके अलावा इस समय “ॐ” मंत्र का जप करने से मस्तिष्क के केंद्र और शक्तिकेंद्र जागृत होते हैं।
सातवाँ फायदा
सूर्योदय के समय वातावरण में स्वास्थ्यवर्धक तरंगें आती हैं जो त्वचा के माध्यम से शोषित होती हैं। यदि त्वचा के रोमछिद्र खुले हों तो ये तरंगें शरीर में समा जाती हैं। इसलिए ब्राह्ममुहूर्त में उठकर शरीर की शुद्धि करनी चाहिए।
आठवाँ फायदा
यदि इस समय “ॐ” मंत्र जप साधना की जाए तो सप्तचक्र जागृत होते हैं। इस समय वातावरण शुद्ध होता है, जिससे अधिक कंपन उत्पन्न होते हैं और इन कंपनों से कुंडलिनी जाग्रत होती है।
नौवाँ फायदा
इस समय कई पुण्यात्माएँ और सिद्धात्माएँ पृथ्वी पर आती हैं। हम इन पुण्यात्माओं और सिद्धात्माओं से मिलकर श्रेष्ठ मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार, ब्राह्ममुहूर्त पर उठकर स्नान और अन्य क्रियाएँ करने से हम एक साथ ये सभी नौ लाभ प्राप्त कर सकते हैं।