भारतीय रेलवे ने एक बार फिर बल्ले बल्ले करवा दी है। रेलवे 12 नई मेमू ट्रेनें चलाने वाली है। उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे को दिसंबर तक यह ट्रेन मिल जाएगी। इन ट्रेनों को कानपुर और प्रतापगढ़ सहित पांच रूटों पर चलाया जाएगा। जिससे करीब 50 हजार से एक लाख यात्रियों को राहत मिलेगी।
बता दें कि कोरोना काल में मेल एक्सप्रेस, पैसेंजर समेत मेमू ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया था। कोरोना खत्म होने के बाद ट्रेनें दोबारा शुरू हुई थी लेकिन मेमू को बंद ही रहने दिया। रोजाना अप डाउन करने वाले यात्रियों को इस वजह से काफी परेशानी हो रही थी।
उन्होंने इसके लिए रेलमंत्री से मांग भी की। उन्होंने लोगों की मांग स्वीकार कर ली। हालांकि अब मेमू ट्रेनों का किराया बढ़ा दिया गया है। यात्रियों की इससे नाराजगी भी बढ़ गई है।
आधुनिक और सुविधाजनक होंगी
वहीं, यात्रियों ने ट्रेनों की संख्या और उने स्टॉपेज बढ़ाने की मांग की थी। जिस वजह से रेलवे 12 नई मेमू ट्रेन उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे को दे रहे हैं। रेलवे बोर्ड के एक सीनियर अफसर ने कहा कि मेमू ट्रेनें सुविधाओं के लिहाज से आधुनिक और सुविधाजनक होंगी। पेयजल व शौचालय की भी इसमें व्यवस्था रहेग। बैठने के लिए आरामदायक सीट होंगी।
जानकारी के मुताबिक, नए साल से इनका संचालन शुरू किया जाएगा। रेलवे रूटों पर डिमांड का आकलन कर रही है, जिससे रूट पर ट्रेन की संख्या बढ़ाई जा सके।
इन रूटों पर पहली बार चलेगी मेमू
उत्तर रेलवे को मिलने वाली नई मेमू ट्रेनें लखनऊ से कानपुर, बाराबंकी, प्रतापगढ़ और हरदोई रूट पर चलाई जाएंगी। पूर्वोत्तर रेलवे वाली मेमू ट्रेन सीतापुर के लिए चलाई जाएगी। सीतापुर जाने के लिए अभी पैसेंजर ट्रेनें हैं। मेमू के लिए रूट का विद्युतीकरण हो चुका है। खास बात है कि इस रूट पर पहली बार मेमू चलाई जाएगी।
पहले 42 ट्रेनें चलाई जाती थी
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कोरोना से पहले 42 मेमू ट्रेनें चलाई जाती थी। रोजाना 3.60 लाख रुपये का रेवेन्यू रेलवे को मिलता था। 65 हजार यात्री मेल-एक्सप्रेस से सफर करते हैं। इससे लखनऊ के प्रमुख स्टेशनों से 60 लाख रुपये तक की कमाई हो रही है।