पापुआ न्यू गिनी के काओकलाम गांव में हुई लैंडस्लाइड में 2 हजार से ज्यादा लोग दब गए हैं। लैंडस्लाइड 24 मई को पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर दूर एंगा प्रांत के गांव में स्थानीय समयानुसार सुबह करीब तीन बजे हुआ। वहां अभी भी 5 दिन से लगातार लैंडस्लाइड हो रहा है। पापुआ न्यू गिनी को 1 मिलियन US डॉलर की मदद की गई है।
670 से ज्यादा की हो चुकी मौत
पापुआ न्यू गिनी के एंगा गांव में रविवार(26 मई) को भीषण लैंडस्लाइड में 670 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पापुआ न्यू गिननी की सरकार ने खुद संयुक्त राष्ट्र(UN) को इसकी जानकारी दी है। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, काओकलाम में माउंट मुंगालो पहाड़ का एक हिस्सा ढ़ह गया था, जिससे मलबा गांव में आ गिरा। उन्होंने बताया कि उस वक्त पूरा गांव सो रहा था इसलिए उन्हें बचने का मौका नहीं मिला।
वहीं इसी को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पापुआ न्यू गिनी में विनाशकारी भूस्खलन के कारण लोगों की मौत और तबाही होने पर मंगलवार को दुख जताया और कहा कि भारत हरसंभव मदद करने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा पापुआ न्यू गिनी में विनाशकारी भूस्खलन से लोगों की मौत और तबाही से बहुत दुखी हूं। पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। भारत हरसंभव सहयोग मुहैया कराने के लिए तैयार है।
पापुआ न्यू गिनी सरकार के अनुसार, दक्षिण प्रशांत द्वीप राष्ट्र में भूस्खलन से 2,000 से अधिक लोगों के जिंदा दफन होने की आशंका है। यह हादसा शुक्रवार तड़के यमबली गांव में हुआ जब एक पहाड़ का एक हिस्सा ढह गया। भूस्खलन के समय लोग सो रहे थे।
ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी तट पर है स्थित
यह गांव ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी तट पर स्थित इस गरीब, ग्रामीण आबादी वाले देश के अंदरुनी इलाके में एक अस्थिर और दूरस्थ क्षेत्र में स्थित है जिससे तलाश व बचाव अभियान जटिल और खतरनाक हो गया है।
लैंडस्लाइड से पहले आया था भूकंप
बताया जा रहा है कि लैंडस्लाइड से पहले पापुआ न्यू गिनी में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप फिन्सचाफेन से 39 किलोमीटर नॉर्थवेस्ट में आया था और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.3 मापी गई थी। भारतीय समयानुसार पापुआ न्यू गिनी में यह भूकंप गुरुवार (23 मई) को सुबह 9 बजकर 49 मिनट पर आया था। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे ने भी पापुआ न्यू गिनी में भूकंप की पुष्टि की थी।
1 हजार से अधिक लोग विस्थापित
इस आपदा के कारण 1000 से अधिक लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है जल आपूर्ति पूरी तरह से नष्ट हो गई है। शुरुआत में एजेंसियों को लगा कि इस हादसे में 300 लोगों की मौत हुई होगी लेकिन बाद में आंकड़ों में सामने आया कि इस गांव में 4 हजार से अधिक लोग रहते थे। इस गांव के अधिकांश लोग सोने की खदानों में काम करते थे। अब तक मलबे से 5 से अधिक शव निकाले जा चुके हैं।
सबसे ज्यादा आर्द्र जलवायु इस देश में
स्थानीय लोगों की मानें तो लैंडस्लाइड का कारण पिछले हफ्तों में हुई भारी बारिश है। विश्व बैंक की मानें तो पापुआ न्यू गिनी की जलवायु दुनिया में सबसे अधिक आर्द्र जलवायु वाले देशों में आती है। यहां सबसे अधिक वर्षा आद्र पहाड़ी क्षेत्रों में होती है। उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु में सभी 12 महीनों में औसत वर्षा कम से कम 60 मिमी (2.4 इंच) होती है। ये जलवायु आमतौर पर भूमध्य रेखा के 10° अक्षांश के भीतर होती है। इस जलवायु में तापीय और नमी परिवर्तन के संदर्भ में कोई प्राकृतिक मौसम नहीं है।