कलयुग में इंसान ही इंसान का दुश्मन बना हुआ है, वह एक दूसरे की खुशी तो क्या ही देखनी किसी का साथ भी नहीं निभा सकते। वही बात करें तो एक जालंधर से तस्वीर सामने आई है, जिसमें मंकी और डॉगी प्रेम और मोहब्बत की मिसाल कायम करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह तस्वीर जालंधर के कोट किशन चंद इलाके की हैं।
5 महीने पहले इलाके में आया था बंदर
इलाका निवासियों के अनुसार करीब 5 महीने पहले बंदर इलाके में आया था। तब सभी कुत्ते उसे परेशान किया करते थे। लेकिन इस फीमेल डॉगी ने उसे अपने बच्चों की तरह पाला और उसे फीडिंग भी करवाई। जिस तरह वह अपने बच्चों को दूध पिलाती है इस तरह वह इसको भी दूध पिलाकर अपने साथ ही रखती है।
काफी मशहूर हो चुकी है दोनों की जोड़ी
दोनों की जोड़ी इलाके में इतनी मशहूर है कि वह दोनों एक दूसरे से बिल्कुल भी जुदा नहीं हो सकते। लोगों ने बताया कि अगर दोनों एक दूसरे से दूर हो जाए तो वह सारा सारा दिन भूखे रह जाते हैं और एक दूसरे को ढूंढने के लिए इधर-उधर घूमते रहते हैं। वही इन दोनों के साथ इलाका निवासी भी बहुत प्यार करते हैं, तब इनको लाड प्यार से रखते हैं और खिलाते पिलाते हैं।
विदेशों से आते हैं दोनों का प्यार देखने
इलाका निवासी संजीव बंसल ने बताया कि इन दोनों के प्रेम व मोहब्बत की मिसाल विदेश तक पहुंच चुकी है। जिस कारण से पूरे शहर सहित आसपास के इलाकों और विदेश से भी लोग यहां दोनों की जोड़ी को देखने के लिए पहुंचते हैं। इन दोनों की जोड़ी से इंसानियत में प्यार मोहब्बत पैदा करने का एक पाठ पढ़ने को मिलता है।
शुरूआत में एक-दूसरे से लड़ते थे
वहीं कुलदीप सिंह भुल्लर ने बताया कि करीब 5 महीने पहले मंकी इस इलाके में आया था। लगता है कोई ट्रक ड्राइवर इसे यहां पर छोड़ गया है। शुरूआत में दोनों आपस में एक दूसरे से लड़ते थे। लेकिन धीरे-धीरे दोनों में इतना प्यार बन गया कि अब एक दूसरे से दूर तक नहीं रह सकते। अगर डॉगी कहीं एक इधर-उधर हो जाए तो मंकी किंग के मार मार के उसको इधर-उधर उछल कूद कर ढूंढता है। अगर मंकी भी कहीं चले जाए तो डॉगी भी उसे ढूंढती है।
एक-दूसरे के बिना रह भी नहीं पाते
एक बार यहां पर एक व्यक्ति आया था जो की मंकी को यहां से ले गया था। लेकिन इसके जाने के बाद पूरा दिन फीमेल डॉगी भूखी रही और उसको ढूंढने के लिए इधर-उधर घूमती रही। फिर मोहल्ला के लोगों ने उसे व्यक्ति का घर ढूंढ कर मंकी को वापस लाया और इन दोनों को मिला दिया।