Makar Sankranti being celebrated in a rare coincidence, special ritual of bathing, donation and worship : सनातन धर्म में मकर संक्रांति को बहुत ही खास माना जाता है जो कि सूर्य को समर्पित दिन होता है इस दिन स्नान दान और पूजा पाठ का विशेष विधान होता है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के पावन दिन सूर्य साधना करने से आरोग्यता का वरदान मिलता है और दुख संकट में कमी आती है। इस साल मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी यानी आज धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं...
मकर संक्रांति पूजा सामग्री
मकर संक्रांति की पूजा के लिए कलछी काले तिल, गुड़ या काले तिल, दान की जाने वाली खाद्य सामग्री में चावल, दाल, भाजी या खिचड़ी, तिल, तिल के लड्डू, गुड़ आदि शामिल करें। इसके बाद गाय का घी, सप्तधान्य यानी की सात तरह के अनाज या गेंहू, तांबे का बर्तन, लाल चंदन, लाल वस्त्र, लाल पुष्प और फल, दीपक, धूप, कपूर, नैवेद्य, इत्र आदि। इसके बाद भगवान सूर्यदेव की चालीसा, सूर्यदेव की आरती और आदित्य ह्रदय स्तोत्र की पुस्कत।
इस मंत्र से करें सूर्य पूजा
1. ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः 2. ॐ ऐहि सूर्य सहस्रांशों तेजो राशे जगत्पता, अनुकंपयेम भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
स्नान दान का मुहूर्त
आपको बता दें कि मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 9 बजकर 3 मिनट से लेकर 10 बजकर 48 मिनट तक महापुण्य काल में स्नान दान करना शुभ रहेगा। अगर आप इस मुहूर्त में स्नान दान नहीं कर सकते हैं तो पुण्यकाल में सुबह 9 बजकर 3 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट के बीच कभी भी स्नान दान किया जा सकता है।