ख़बरिस्तान नेटवर्क : राष्ट्रीय एकजुटता को दर्शाते हुए लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) ने तुर्की और अजरबैजान की एजुकेशनल संस्थानों के साथ सभी समझौते को खत्म कर दिया है। वह ऐसा करने वाली भारत की पहली प्राइवेट यूनिवर्सिटी बन गई है। यूनिवर्सिटी ने राजनितिक घटनाओं का हवाला देते हुए तुर्की और अजरबैजान के इंस्टीट्यूट के साथ छह एजुकेशनल पार्टनरशिप को ऑफिशियल तौर से खत्म कर दिया है, जो पार्टनशिप भारत के राष्ट्रीय हित में नहीं थी।
इस फैसले में स्टूडेंट्स और स्टाफ एक्सचेंज प्रोग्राम, ज्वाइंट रिसर्च प्रोजेक्ट, ड्यूल डिग्री पहल और दोनों देशों के इंस्टीट्यूट के साथ एकेडमिक सहयोग के सभी अन्य रूपों को तत्काल समाप्त करना शामिल है। यह कदम भारत-पाक तनाव के हाल के दौर में तुर्की और अजरबैजान के पाकिस्तान समर्थक रुख के जवाब में उठाया गया है।
राज्यसभा सांसद और एलपीयू के फाउंडर चांसलर डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने कहा कि जब हमारे बहादुर सशस्त्र बल अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं चाहे वे सीक्रेट ऑपरेशन, हवाई रक्षा या हमारी सीमाओं पर गश्त करना हों। ऐसे में हम एक यूनिवर्सिटी के रूप में शांत नहीं रह सकते।
उन्होंने कहा कि LPU का मिशन हमेशा भारत की वृद्धि और अखंडता के साथ जुड़ा रहा है और हम कभी भी किसी ऐसे संस्थान से नहीं जुड़ेंगे जो भारत की संप्रभुता (स्वतंत्रता) को कमजोर करता हो। जबकि डिप्लोमेसी सरकारों का क्षेत्र है, ऐसे में LPU की कार्रवाई एक शक्तिशाली संदेश देती है। देश की रक्षा के लिए एकेडमिक जगत की भी एक नैतिक जिम्मेदारी है। राष्ट्रीय सुरक्षा केवल सीमाओं तक सुरक्षित नहीं है, इसे हर कक्षा, बोर्डरूम और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में संरक्षित किया जाना चाहिए।