जापान के संगठन निहोन हिदांक्यो को इस साल शांति के लिए नोबेल प्राइज दिया गया है। उन्हें परमाणु हथियारों के खिलाफ मुहिम चलाने के लिए यह सम्मान दिया गया है। इस संगठन में वह लोग शामिल हैं जो दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान परमाणु हमले में जीवित रह गए थे।
नोबेल कमेटी ने कहा कि एक दिन परमाणु हमले को झेलने वाले ये लोग हमारे पास नहीं रहेंगे, लेकिन जापान की नई पीढ़ी उनकी याद और अनुभवों को दुनिया के साथ साझा करती रहेगी और उन्हें याद दिलाती रहेगी कि परमाणु हथियार दुनिया के लिए कितने खतरनाक हैं।
अमेरिका ने जापान पर फेंका था परमाणु बम
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 6 अगस्त और 9 अगस्त 1945 को जापान में हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका ने परमाणु हमला किया था। इनमें करीब 1.5 लाख लोगों की मौत हुई थी। जबकि आने वाली कई पीढ़ियां इस हमले का दर्द झेलने को मजबूर हो गई थीं। परमाणु रेडिएशन के चलते कई जेनरेशन को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इस हमले के बाद धुरी शक्तियों ने सरेंडर कर दिया था और मित्र देशों की जीत हुई थी।
2023 में ईरानी पत्रकार को मिला था शांति का नोबेल
2023 में ईरान की महिला पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता नर्गिस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) को शांति का नोबेल प्राइज दिया गया था। मोहम्मदी 2016 से जेल में बंद हैं। उन्हें ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष और मानवाधिकारों के प्रोत्साहन की दिशा में काम करने के लिए ये प्राइज दिया गया था।