ख़बरिस्तान नेटवर्क : गहरे समुद्रों में रहने वाली एक रहस्यमयी मछली- ओअरफ़िश (Oarfish), जिसे जापानी लोककथाओं में ‘प्रलय की मछली’ या ‘क़यामत की मछली’ कहा जाता है - एक बार फिर दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गई है।
ओअरफ़िश सामान्यतः समुद्र की सतह से 200 से 1000 फीट नीचे पाई जाती है, लेकिन मई 2025 से अब तक इसे 4 बार सतह पर देखा जा चुका है। इस असामान्य गतिविधि ने वैज्ञानिकों और आम लोगों के बीच चिंता और कौतूहल दोनों को जन्म दिया है।
अपशकुन की चेतावनी?
लोकविश्वास है कि जब भी ओअरफ़िश सतह पर दिखाई देती है, वह किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा- जैसे भूकंप, सुनामी या युद्ध की पूर्व चेतावनी होती है। यह विश्वास यूं ही नहीं बना।
2011 की जापान सुनामी से पहले 20 मृत ओअरफ़िश समुद्र तटों पर मिली थीं। फिर आया 9 तीव्रता का भूकंप और तबाही मचाने वाली सुनामी, जिसमें 20,000 से ज़्यादा लोगों की जान गई और फ़ुकुशिमा परमाणु प्लांट में विस्फोट हुआ।
मई 2025 से लगातार दिख रही हैं ओअरफ़िश
इस साल पहली बार मई में तमिलनाडु तट पर क़रीब 30 फ़ीट लंबी एक विशाल ओअरफ़िश मछुआरों के जाल में फंसी। इसके बाद तो जैसे इस मछली के देखे जाने का सिलसिला शुरू हो गया। 2 जून को तस्मानिया के पश्चिमी तट पर 3 मीटर लंबी ओअरफ़िश मिली, और फिर न्यूज़ीलैंड के तटों पर दो और मछलियाँ देखी गईं, जिनमें से एक का सिर नहीं था।
2024 में अमेरिका में दिखने के दो दिन बाद आया भूकंप
10 अगस्त 2024 को सैन डिएगो के पास एक 12 फ़ीट लंबी ओअरफ़िश दिखाई दी थी। दिलचस्प बात ये कि दो दिन बाद लॉस एंजेलिस में 4.4 तीव्रता का भूकंप आया। इस इलाके में 1901 से अब तक यह मछली केवल 20 बार ही देखी गई है।
5 जुलाई की भविष्यवाणी से जापान में डर
जापान में ‘बाबा वेंगा’ के समकक्ष माने जाने वाले रयो तात्सुकी ने भविष्यवाणी की है कि 5 जुलाई 2025 को जापान और फ़िलीपींस के बीच समुद्र में एक भीषण दरार बनेगी, जिससे 2011 की तोहोकू सुनामी से तीन गुना ऊंची लहरें उठेंगी। ओअरफ़िश के तटों पर लगातार दिखने को लोग इस चेतावनी से जोड़कर देख रहे हैं।
ओअरफ़िश है क्या?
ओअरफ़िश, जिसे रिबनफ़िश भी कहा जाता है, समुद्र में पाई जाने वाली सबसे लंबी बोन मछली है। इसकी लंबाई 30 फ़ीट तक और वज़न 300 किलोग्राम तक हो सकता है। यह गहरे पानी में रहती है, जहाँ यह प्लवक और छोटे जलीय जीवों को खाती है।
इसका शरीर चाँदी जैसा चमकदार होता है, जो प्रकाश को परावर्तित करता है। यह अपने पंखों को रिबन की तरह लहराकर गहराई में लंबवत तैरती है एक अलग ही अंदाज़ में। इंसानों के लिए यह मछली पूरी तरह से सुरक्षित है।
क्या ये सिर्फ़ संयोग है या किसी गहरे रहस्य का संकेत?
वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं, मगर दुनिया भर में जो आशंका फैल रही है वो लोककथा और वास्तविक घटनाओं के अजीब मेल की देन है।