महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) का डर अक्सर सताता है चुंकि अक्सर हम न्यूजपेपर, ऑनलाइन पॉर्टल, मैगजीन में इस तरह की खबरें पढ़ लेते हैं कि ब्रेस्ट में होने वाले गांठों को हल्के में न लें क्योंकि यह बाद में जाकर कैंसर का रूप ले लेता है। यह सच भी है कि पीरियड्स (Periods) से पहले या बाद या एक महिला जब मां बनती है तो मां बनने से पहले और बाद में शरीर में इतने सारे हार्मोनल चेंजेज होते हैं कि शरीर में कई जगह गांठे पड़ जाती है। ब्रेस्ट में तो अक्सर आपको हार्मोनल चेजेज के कारण गांठ होने का डर बना रहता है।
शरीर के विभिन्न अंगों में बनने वाली गांठ कई बार अपने आप ही ठीक हो जाती है। जबकि, कई बार इसका इलाज कराने की आवश्यकता होती है। एक्सपर्ट के अनुसार यह महिलाओं में कई बार गंभीर रोग का कारण बन सकती हैं। अंडरआर्म में गांठ ब्रेस्ट में होने वाले बदलावों और कैंसर की ओर भी संकेत करती है। यह गांठ आपको हाथ लगाने पर महसूस हो सकती है और हाथों के मूवमेंट में आपको परेशानी का कारण बन सकती है। अगर, आपके बगल में बनी गांठ की वजह से आपको हाथ हिलाने में दर्द हो रहा है, तो यह एक बड़ी परेशानी का कारण हो सकता है। ऐसे में आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसके साथ ही, कैंसर से जुड़े कुछ टेस्ट भी कराएं, ताकि इस गांठ के गंभीरता के बारे में सही और सटीक जानकारी मिल पाए।
अंडरआर्म में गांठ की हो सकती हैं ये वजह
कुछ महिलाओं के अंडरआर्म में गांठ बन जाती है। इस गांठ का आकार, बनावट और बढ़ने की तीव्रता अलग-अलग हो सकती है। इस गांठ में आपको दर्द भी महसूस हो सकता है। ज्यादातर मामलों में अंडरआर्म में लिम्फ नोड में सूजन के कारण गांठ बन जाती है। यह गांठ शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। दरअसल, लिम्फ नोड आपके अंडरआर्म और शरीर के अन्य हिस्सों में होते हैं। कई बार इंफेक्शन को दूर करने के लिए इम्यून सेल्स बनाने के दौरान इनमें सूजन आ जाती है। इस गांठ का आम कारण होता है शरीर में किसी तरह का इंफेक्शन होना। इंफेक्शन के अलावा, लिम्फ नोड में चोट के कारण, ऑटो इम्यून डिसऑर्डर, ब्रेस्ट कैंसर, ल्यूकेमिया कैंसर, हॉजकिन लिंफोमा, दवाओं का एलर्जिक रिएक्शन आदि की वजह से ही गांठ बन सकती है।
अंडरआर्म में गांठ ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण तो नही?
डॉक्टर्स का माने तो अंडरआर्म में गांठ ब्रेस्ट कैंसर की ओर संकेत कर सकती है -
कैंसर लिम्फ नोड तक फैलना
ट्यूमर ब्रेस्ट के टिश्यू से शुरू हो सकता है। ब्रेस्ट ट्यूमर आमतौर पर अंडरआर्म की ओर बढ़ते हैं। क्योंकि एक्सिलरी यानी अंडरआर्म लिम्फ नोड्स ब्रेस्ट के बेहद करीब होते हैं, तो ऐसे में शरीर के अन्य हिस्सों की अपेक्षा यह लिम्फ नोड्स को पहले प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में लिम्फ नोड्स कैंसर के सेल्स को नष्ट करने के लिए इम्यूनिटी बनाते हैं। जिस प्रक्रिया में उनमें सूजन हो सकती है। इस तरह यह ब्रेस्ट कैंसर की ओर संकेत कर सकता है।
ब्रेस्ट के सहायक टिश्यू पर ट्यूमर बनना
अंडरआर्म के सहायक टिश्यू पर ट्यूमर हो सकता है। जब यह ट्यूमर कैंसर में बदलने लगता है, तो इससे उसका आकार बढ़ने लगता है। ऐसे में अंडरआर्म के सहायक टिश्यू भी प्रभावित हो सकते हैं।
स्पेंस की एक्सिलरी टेल में ट्यूमर बनना
सीने के ऊपरी हिस्से और अंडरआर्म के पास जब ट्यूमर बनने लगता है। तो यह अंडरऑर्म तक बढ़ सकता है। ऐसे में स्तन ग्रंथि को छोटा करता है। इस हिस्से में टिश्यू और लिम्फ नोड्स होते हैं। ऐसे में अंडरआर्म तक कैंसर के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
कैंसर की पहचान होने के बाद डॉक्टर कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोन थेरेपी, दवाएं, सर्जरी से ट्यूमर को हटाना और सर्जरी के द्वारा एक्सिलरी लिम्फ नोड का कुछ हिस्सा हटाया जा सकता है। इसलिए अंडरआर्म में गांठ बनने पर आप तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और उसका इलाज शुरू कराएं।
ब्रेस्ट कैंसर से ऐसे करें बचाव
- बढ़ती उम्र में महिलाओं को अपना वजन कंट्रोल रखना चाहिए।
- ज्यादा शराब या स्मोकिंग करने से परहेज रखना चाहिए।
- रोजाना एक्सरसाइज या कोई फिजिकल एक्टीविटी जरूर करें।
- थोड़ी देर योग और मेडिटेशन जरूर करें।
- बैलेंस डाइट लें। खूब फल और सब्जियां खाएं और शरीर को हाइड्रेट रखें।