Indias middle class is drowning in debt, working women are also under the burden : भारत में नौकरी करने वाले लोग अब पहले के मुकाबले ज्यादा कर्ज में डूब रहे हैं। बीते 2 साल में कर्ज लेने वालों का ये आंकड़ा और भी ज्यादा बढ़ गया है। एक सर्वे रिपोर्ट में ये बात सामने आयी है कि ज्यादातर नौकरी करने वाले लोगों के ऊपर तकरीबन 25 लाख रुपये तक का कर्ज है। इस आंकड़े में पिछले साल के मुकाबले और भी ज्यादा वृद्धि हुई है। इसके अलावा इस रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि नौकरी करने वाली महिलाएं भी कर्ज के बोझ तले डूबी हुई है, उनपर भी होम लोन का बोझ है। इस सर्वे रिपोर्ट में ये भी बात सामने आयी है कि देश की कुछ चुनिंदा मेट्रो सिटीज में रह रहे कुछ ही लोग बिना कर्ज के जीवन जी रहे है। एक निजी संस्था के सर्वे के अनुसार, नौकरी करने वाले कुल 13.4 प्रतिशत लोग ही आज की तारीख में कर्जमुक्त जीवन जी रहे हैं।
केवल 13.4 प्रतिशत लोग ही बने कर्जमुक्त
साल 2019 में ये आंकड़ा करीब 19 फीसदी हुआ करता था। सर्वे के अनुसार पता चला है कि पिछले 2 सालों में नौकरी करने वाले लोगों ने किसी न किसी प्रकार का कर्ज लिया है। नौकरीपेशा लोगों ने सबसे ज्यादा लोन 25 लाख तक की राशि के लिए हैं। इस राशि का लोन लेने वालों की संख्या का आंकड़ा कुल 91.2 फीसदी हैं। पिछले साल यही आंकड़ा 88 फीसदी हुआ करता था। इस सर्वे में 22 से 45 साल की आयु वाले लोगों से सवाल किए गए थे। इस सर्वे में 6 मेट्रो सिटीज और 18 टियर 2 शहरों के लोगों को शामिल किया गया था। 40 प्रतिशत संख्या महिलाओं की थी। सर्वे में शामिल इन लोगों की सैलरी कम से कम 30,000 रुपये थी।
इंटरनेशनल ट्रेवल के लिए भी ले रहे लोन
इस सर्वे में एक और बात का खुलासा हुआ है कि नौकरीपेशा लोग ही सबसे ज्यादा लोन और क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे लोगों को डिजिटल ट्रांसेक्शन के बारे में भी अच्छा खासा अनुभव होता है। साथ ही ऐसे लोग ऑनलाइन खरीदारी भी ज्यादा करते हैं। इस सर्वे से ये बात भी सामने आयी है कि मौजूदा वर्कफोर्स में शामिल 22 से 27 साल के युवाओं को भी टेक्नोलॉजी का अच्छा अनुभव होता है। इस सर्वे से ये बात भी सामने आयी है कि लोग घर और कार के अलावा सबसे ज्यादा लोन इंटरनेशनल ट्रेवल के लिए भी ले रहे हैं।